जल निगम के सेवानिवृत्त अभियंताओं पर भ्रष्टाचार की जांच तेज : बरामद दस्तावेजों के आधार पर सवाल किए जा रहे तैयार

UPT | Vigilance Raid

Oct 04, 2024 10:19

भ्रष्टाचार के आरोपी जल निगम की डिजायन एंड कंस्ट्रक्शन सर्विसेज (सीएंडडीएस) इकाई के पांचों सेवानिवृत्त अभियंताओं के ठिकानों पर विजिलेंस की छापेमारी काफी चर्चा में है। अधिकारी अब छापेमारी के दौरान मिले मकान, खेती की जमीन, फ्लैट, गाड़ियों के कागजात, म्यूच्यूअल फंड, बीमा पॉलिसी, पोस्ट ऑफिस और विभिन्न कंपनियों में निवेश के प्रपत्र आदि को लेकर पड़ताल में जुट गए हैं।

Lucknow News : यूपी सरकार ने जहां मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति की जानकरी देने वाली सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की रेंडम जांच का फैसला किया है, जिससे किसी भी तरह की गलत जानकारी देने, सच छिपाने या भ्रष्टाचार पर एक्शन लिया जा सके। वहीं सेवानिवृत्त अधिकारियों को लेकर भी शिकायत मिलने पर कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में जल निगम के ​सेवानिवृत्त अभियंताओं को अब नोटिस भेजने की तैयारी है। इसके बाद इन्हें तलब कर छापेमारी में मिली संपत्तियों की जानकारी को लेकर गहन पूछताछ की जाएगी। 

प्रॉपर्टी के दस्तावेजों के आधार पर सवाल किए जा रहे तैयार
भ्रष्टाचार के आरोपी जल निगम की डिजायन एंड कंस्ट्रक्शन सर्विसेज (सीएंडडीएस) इकाई के पांचों सेवानिवृत्त अभियंताओं के ठिकानों पर विजिलेंस की छापेमारी काफी चर्चा में है। अधिकारी अब छापेमारी के दौरान मिले मकान, खेती की जमीन, फ्लैट, गाड़ियों के कागजात, म्यूच्यूअल फंड, बीमा पॉलिसी, पोस्ट ऑफिस और विभिन्न कंपनियों में निवेश के प्रपत्र आदि को लेकर पड़ताल में जुट गए हैं। विभिन्न बैंक के खाते एवं बैंक लॉकर के प्रपत्र के साथ भारी मात्रा में ज्वेलरी भी बरामद हुई है। इनके आधार पर सवालों की सूची तैयार की जा रही है, जिससे नोटिस भेजने के बाद इन लोगों से पूछताछ की जा सके। माना जा रह है कि इस महीने के दूसरे सप्ताह में आरोपी सेवानिवृत्त अधिकारियों से पूछताछ शुरू की जाएगी।



सरकारी सेवा में रहते किया भ्रष्टाचार, अब हुए बेनकाब
विजिलेंस की टीम ने लखनऊ सेक्टर ने मंगलवार को पांच सेवानिवृत्त इंजीनियर राघवेंद्र कुमार गुप्ता, सत्यवीर सिंह चौहान, अजय रस्तोगी, केके खरबंदा और कृष्ण कुमार पटेल के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज टीम को मिले थे। शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि अधिकांश संपत्तियों को अभियंताओं ने नौकरी के दौरान परिजनों के नाम पर खरीदा। इससे पीछे उनकी मंशा थी कि जांच के दौरान उनका नाम सामने नहीं आएगा। लेकिन, छापेमारी में इनके रिकॉर्ड मिलने के कारण भ्रष्टचारियों की पोल खुल गई है। 

कानूनी शिकंजे से बचने को रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी संपत्ति
इस बात की संभावना जताई जा रही कि भ्रष्ट अभियंताओं ने अपने सेवाकाल में काली कमाई से जो संपत्ति खरीदी, उसकी जानकारी उन्होंने प्रदेश सरकार को नहीं दी। अब उन पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। 

केके पटेल की कई प्रॉपर्टी का खुलासा 
जानकारी के मुताबिक वीआरएस लेकर अपना दल (एस) में राष्ट्रीय सचिव बने केके पटेल की संपत्तियों की गहराई से पड़ताल की जा रही है। शुरुआत में उनके पास महज 10 लाख रुपये की अघोषित संपत्तियों की बात सामने आई थी। लेकिन, अब लखनऊ और प्रतापगढ़ में स्कूल समेत कई अन्य प्रॉपर्टी का खुलासा हुआ है। कहा जा रहा है कि पटेल ने अपनी आय के वैध स्रोतों से कुल 29.56 लाख रुपये कमाए थे। लेकिन, चल अचल संपत्तियों एवं भरण-पोषण पर 39.56 लाख रुपये खर्च किए गए, जो भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहे हैं।

​अभियंताओं ने काली कमाई से खरीदी प्रॉपर्टी, अब होगी पूछताछ
इस तरह अन्य चारों पूर्व इंजीनियर की भी काली कमाई का खुलासा हुआ है। राघवेंद्र गुप्ता की वैध आय 1.08 करोड़ रुपये मिली, जबकि खर्च 1.58 करोड़ रुपये का किया गया। सत्यवीर सिंह चौहान ने अपनी वैध आय 1.75 करोड़ रुपये की तुलना में 2.64 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी पर खर्च कर डाले। वहीं केके खरबंदा की वैध आय 62.26 लाख रुपये मिली थी, जबकि उनके पास 1.78 करोड़ की संपत्तियां होने का पता चला था। इसी तरह अजय रस्तोगी की वैध आय 65 लाख रुपये पाई गई। इसके विपरीत उन्होंने चल-अचल प्रॉपर्टी पर 1.14 करोड़ रुपये खर्च कर डाले। इस तरह ये सभी विजिलेंस की पूछताछ में सवालों का सामना करेंगे।  

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