कला का महोत्सव : भातखंडे विश्वविद्यालय में सजा सत्रीय संगीत का दरबार 

UPT | भातखंडे विश्वविद्यालय में सजा सत्रीय संगीत का दरबार।

Oct 03, 2024 22:07

भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय संगीत महोत्सव में गुरुवार को कलाकारों ने अपनी अद्वितीय प्रस्तुतियों से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

Lucknow News : भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय संगीत महोत्सव में गुरुवार को कलाकारों ने अपनी अद्वितीय प्रस्तुतियों से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गुरुवार को कलामंडपम प्रेक्षागृह में बरगीत कार्यशाला में प्रस्तुतियों का सिलसिला संगीता चमुआ द्वारा एकल बरगीत गायन से शुरू हुआ। इस प्रस्तुति ने श्रोताओं को सत्रीय संगीत की गहराई से परिचित कराया। इसके बाद असम के दो प्रसिद्ध कलाकार मनुरंजन बोरा और जितेंद्र महंत ने खोल वादन की जुगल प्रस्तुति दी, जिसने कार्यक्रम को और भी सजीव बना दिया।

कुंवर और मीनाक्षी जुगल प्रस्तति ने मोहा मन 
इसके बाद की प्रस्तुति में संगीता कटकी कुंवर और मीनाक्षी सैकिया ने बरगीत की जुगल प्रस्तुति दी, जो दर्शकों के बीच एक अलग ऊर्जा का संचार कर गई। इन दोनों कलाकारों की जोड़ी ने बरगीत की विभिन्न शैलियों और तकनीकों का प्रदर्शन करते हुए दर्शकों को सत्रीय संगीत की उत्कृष्टता से रूबरू कराया। समारोह का अंतिम और सबसे प्रमुख आकर्षण त्रयी वादन रहा, जिसमें तीन अद्वितीय कलाकारों ने अपने-अपने वाद्य यंत्रों पर प्रस्तुतियां दीं। मनोज कुमार दास ने खोल, राज खुशीराम ने पखावज और मनोज कुमार मिश्र ने तबला पर अपनी कला का प्रदर्शन किया। तीनों वाद्यों के संयोजन ने श्रोताओं को एक अद्वितीय संगीतमय अनुभव प्रदान किया। इस त्रयी वादन में न केवल सत्रीय संगीत की गहराई थी, बल्कि इन कलाकारों की कुशलता और समर्पण ने इसे अविस्मरणीय बना दिया।

बरगीत असम की प्रमुख संगीत परंपरा
बरगीत असम की एक प्रमुख संगीत परंपरा है और इसे सत्रीय संगीत के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में देखा जाता है। इस कार्यशाला के लिए प्रसिद्ध कलाकार और सत्रीय संगीत के विशेषज्ञ श्री गुनिंद्रनाथ ओजा को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था ओजा को अकादमी सम्मान से नवाजा जा चुका है। वह असम से आए थे। उन्होंने कार्यशाला में अपने ज्ञान और अनुभव को साझा करते हुए प्रतिभागियों को बरगीत की गहराइयों से परिचित कराया। कार्यशाला में बरगीत के शास्त्रीय और भावनात्मक पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने इस विधा के तकनीकी पहलुओं पर अभ्यास किया।

उत्कृष्ट प्रस्तुतियों  की सराहना
कार्यक्रम के समापन पर कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह ने सभी कलाकारों को अंगवस्त्र भेंट कर उनका सम्मान किया और उनके उत्कृष्ट प्रस्तुतियों की सराहना की। संगीत नाटक अकादमी (नई दिल्ली), सत्रीय केंद्र (गुवाहाटी) और भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 17वें सत्रीय संगीत समारोहा आयोजित हुआ। 

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