केजीएमयू में बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट को लेकर करार : रक्त कैंसर, थैलीसीमिया और एप्लास्टिक एनीमिया के मरीजों को नहीं लगाने होंगे चक्कर

UPT | केजीएमयू में बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट को लेकर राज्यपाल की उपस्थिति में करार पर हस्ताक्षर

Oct 03, 2024 18:44

नई यूनिट शताब्दी भवन के हिमैटोलॉजी विभाग में स्थापित की जाएगी, जिसमें आठ बेड होंगे। इस यूनिट के निर्माण के लिए आदित्य बिरला कैपिटल फाउंडेशन और कैनकिड्स सीएसआर फंड से 2.70 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी।

Lucknow News : लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में अब रक्त कैंसर, थैलीसीमिया और एप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा। यहां बोनमैरो ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों को अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और न ही संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसीपीजीआई) या अन्य मेडिकल संस्थानों तक दौड़ने की जरूरत होगी। केजीएमयू में अब एक नई बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट स्थापित की जा रही है।

राज्यपाल की उपस्थिति में करार पर हस्ताक्षर
कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि यह नई यूनिट शताब्दी भवन के हिमैटोलॉजी विभाग में स्थापित की जाएगी, जिसमें आठ बेड होंगे। इस यूनिट के निर्माण के लिए आदित्य बिरला कैपिटल फाउंडेशन और कैनकिड्स सीएसआर फंड से 2.70 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी। गुरुवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में केजीएमयू, आदित्य बिरला कैपिटल फाउंडेशन और कैनकिड्स के बीच इस करार पर हस्ताक्षर हुए। राज्यपाल ने इस नई यूनिट के बनने पर केजीएमयू को बधाई दी और कहा कि इससे मरीजों के इलाज में काफी आसानी होगी।



रेबीज संक्रमित मरीज की बचाई जान
इसके साथ ही, केजीएमयू के डॉक्टरों ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। घातक रेबीज से पीड़ित एक 25 वर्षीय युवती की यहां के चिकित्सक जान बचाने में डॉक्टर सफल रहे। सीतापुर निवासी इस युवती को एक साल पहले कुत्ते ने काटा था और टीके लगवाने के बावजूद वह रेबीज की चपेट में आ गई थी। परिजन उसे लेकर केजीएमयू आए। इसके बाद मेडिसिन विभाग के डॉ. डी हिमांशु और उनकी टीम ने समय पर सही उपचार करके उसकी जान बचाई। यह केजीएमयू में पहला ऐसा मामला है जब किसी रेबीज संक्रमित मरीज की जान बचाई जा सकी है। इसकी रिपोर्ट इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को भेजी गई है।
 

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