Lucknow News : मंदिरों से हटाई जाएगी साईं की प्रतिमा, वाराणसी के बाद लखनऊ में भी शुरू हुआ अभियान 

UPT | साईं की प्रतिमा।

Oct 04, 2024 02:12

वाराणसी में सनातन रक्षक दल की अगुवाई में यह अभियान जोर पकड़ चुका है। इस दल के सदस्यों ने मंदिर प्रबंधक समितियों से सहमति लेकर साईं की प्रतिमाओं को मंदिरों से हटवाया है।

Lucknow News : वाराणसी के बाद अब लखनऊ के मंदिरों से भी साईं की प्रतिमा हटाने की मुहिम तेज हो गई है। हिंदू मंदिरों में साईं की प्रतिमा के विरुद्ध चल रहे इस अभियान के तहत कई मंदिरों से साईं की मूर्तियों को हटाया जा चुका है। वाराणसी के 10 मंदिरों में पहले ही साईं की प्रतिमाओं को हटाया जा चुका है और अब लखनऊ में भी यह प्रक्रिया शुरू हो गई है।

वाराणसी में मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटाने की शुरुआत
वाराणसी में सनातन रक्षक दल की अगुवाई में यह अभियान जोर पकड़ चुका है। इस दल के सदस्यों ने मंदिर प्रबंधक समितियों से सहमति लेकर साईं की प्रतिमाओं को मंदिरों से हटवाया है। सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा के अनुसार, "हम मंदिर प्रबंधन की सहमति से साईं की मूर्तियों को हटा रहे हैं। हमारा उद्देश्य किसी की आस्था को ठेस पहुंचाना नहीं है, न ही साईं के प्रति कोई दुर्भावना है। परन्तु सनातन धर्म के मंदिरों में साईं की प्रतिमाओं का स्थान नहीं है।"

वाराणसी के बड़े गणेश मंदिर, पुरुषोत्तम मंदिर, अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर जैसे प्रतिष्ठित मंदिरों से साईं की मूर्तियां हटाई जा चुकी हैं। इस प्रक्रिया के तहत कई मंदिरों में साईं की प्रतिमाओं को सफेद कपड़े से ढंक दिया गया है ताकि उन्हें जल्द ही हटाया जा सके। अजय शर्मा का कहना है कि जो लोग साईं बाबा की पूजा करना चाहते हैं, उन्हें अलग से साईं बाबा का मंदिर बनवाना चाहिए। सनातन मंदिरों में केवल हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां होनी चाहिए।

लखनऊ में भी शुरू हुआ साईं की प्रतिमाओं को हटाने का अभियान
वाराणसी के बाद अब लखनऊ में भी अखिल भारतीय हिंदू महासभा और सनातन रक्षक दल के समर्थन से साईं की प्रतिमाओं को हटाने की मांग बढ़ रही है। लखनऊ के कई प्रमुख मंदिरों में साईं की प्रतिमाओं को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मंदिर प्रबंधक समितियों से सहमति लेकर साईं की मूर्तियों को हटाया जा रहा है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने राजधानी के सभी मंदिरों से साईं की प्रतिमाएं हटाने की मांग की है। महासभा का कहना है कि सनातन धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्तियों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए, और इस अभियान को लेकर मंदिर प्रबंधन से चर्चा जारी है।

धार्मिक आस्था और विरोध की धारा
साईं की प्रतिमाओं को मंदिरों से हटाने का यह कदम कुछ हिंदू संगठनों द्वारा धार्मिक परंपराओं के प्रति उनकी निष्ठा को बनाए रखने का प्रयास है। यह संगठन मानते हैं कि सनातन धर्म के मंदिरों में केवल पारंपरिक हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों की पूजा होनी चाहिए। हालांकि, इसके विपरीत कुछ लोग साईं बाबा को संत मानते हुए उनकी पूजा को अपनी निजी आस्था का हिस्सा मानते हैं, और इस मुहिम का विरोध भी कर रहे हैं।

भविष्य में अभियान की स्थिति
लखनऊ के साथ-साथ अन्य शहरों में भी यह मुहिम बढ़ने की संभावना है। सनातन रक्षक दल और अखिल भारतीय हिंदू महासभा का कहना है कि वे देश भर में मंदिरों से साईं की प्रतिमाओं को हटाने के लिए प्रयासरत रहेंगे। वहीं, इस अभियान के तहत कई अन्य मंदिरों में भी प्रबंधक समितियों से बातचीत कर मूर्तियां हटाने का काम जारी है। साईं की प्रतिमाओं को हिंदू मंदिरों से हटाने का यह मुद्दा धार्मिक और सांस्कृतिक स्तर पर लोगों को प्रभावित कर रहा है। कुछ लोग इस कदम को धर्म की शुद्धता और परंपराओं की रक्षा के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य इसे धार्मिक सहिष्णुता के विपरीत मानते हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में इस मुहिम का क्या प्रभाव होता है और यह मामला कितनी गहराई तक जाता है।

Also Read