UP Police Constable Bharti : फर्जीवाड़े से पास की पुलिस भर्ती परीक्षा, सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज

UPT | पुलिस भर्ती परीक्षा 2018

Jul 16, 2024 01:21

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की सिपाही भर्ती परीक्षा 2018 में एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस परीक्षा में मीरजापुर जनपद के एक अभ्यर्थी ने अपनी जगह पर सॉल्वर को बैठाया था। फोटो, लिखित और शारीरिक परीक्षा के बायोमेट्रिक मिलान से यह धांधली सामने आ गई।

Short Highlights
  • यूपी पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा
  • आरोपी ने अपनी जगह बैठाया था सॉल्वर
Lucknow News : उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) की सिपाही भर्ती परीक्षा 2018 में एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस परीक्षा में मीरजापुर जनपद के एक अभ्यर्थी ने अपनी जगह पर सॉल्वर को बैठाया था। फोटो, लिखित और शारीरिक परीक्षा के बायोमेट्रिक मिलान से यह धांधली सामने आ गई। इसके बाद बोर्ड के सीओ अम्बरीष सिंह भदौरिया ने आरोपी अभ्यर्थी के खिलाफ लखनऊ के हुसैनगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है।

अपने स्थान पर बैठाया था साल्वर
हुसैनगंज थाना प्रभारी रामकुमार गुप्ता ने बताया कि आरोपित अभ्यर्थी मंगला प्रसाद मीरजापुर के सरोईबाबू भगौरा गांव का रहने वाला है। मंगला ने वर्ष 2018 में आरक्षी भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी। जांच में पता चला कि उसने लिखित परीक्षा में अपने स्थान पर साल्वर बैठाया था। अब जांच में पाया गया कि लिखित और शारीरिक परीक्षा के पहचान पत्र में लगी फोटो अलग हैं। इसके अतिरिक्त दोनों परीक्षाओं के बायोमेट्रिक डेटा भी अलग-अलग मिले। इसके बाद मंगला प्रसाद को बुलाया गया। फोरेंसिक लैब में उसके फिंगर प्रिंट की भी जांच कराई गई, जिसमें पुष्टि हो गई कि दोनों फिंगर प्रिंट अलग हैं। इन सभी प्रमाणों के आधार पर अभ्यर्थी मंगला प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

इससे पहले भी चार अभ्यर्थियों पर दर्ज हुआ था केस
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) ने 2018 में आरक्षी एवं समकक्ष पदों पर सीधी भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन किया था। इससे पहले भी इस भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर चार अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

हुसैनगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज
बोर्ड ने हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले जयदीप और नीरज के अलावा गाजीपुर जनपद के जैनपुर गांव निवासी रमेश यादव और प्रवेश यादव के खिलाफ राजधानी के हुसैनगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इन सभी ने  लिखित परीक्षा में अपने स्थान पर दूसरे लोगों को बैठाया था। शारीरिक दक्षता और अभिलेखों की जांच में ये लोग स्वयं शामिल हुए थे। संदेह होने पर विधि विज्ञान प्रयोगशाला से इन लोगों की अंगुली छाप और फोटो की जांच करवाई गई। इस मामले में 8 जून को एफएसएल की रिपोर्ट आने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में इस मामले में भी आरोपों की पुष्टि हुई, इसके बाद चारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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