उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने एक ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट के मामले में निर्णय सुनाया था कि कोई भी ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट का कोई लीगल स्टेटस नहीं होता। ऐसे में उत्तर प्रदेश में एक ड्राफ्ट एसबीडी को लीगल स्टेटस मानकर इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों की जा रही है, जो अपने आप में बड़ा सवाल है।