पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी : पेपर लीक मामले को लेकर उत्तर प्रदेश डीजीपी ने की प्रेस वार्ता

UPT | डीजीपी प्रशांत कुमार

Mar 15, 2024 15:36

यूपी एसटीएफ को जानकारी मिली कि पेपर लीक मामले के तीन मुख्य आरोपी दिल्ली भागने की फिराक में है वहीं गाजियाबाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई जिसके बाद...

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में 17 और 18 फरवरी 2024 को आयोजित हुई उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ द्वारा पेपर लीक मामले के तीन मुख्य आरोपियों को ग़ाज़ियाबाद से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्त अभिषेक कुमार शुक्ला निवासी प्रयागराज, शिवम गिरी निवासी मिर्ज़ापुर और रोहित कुमार पांडेय भदोही जिले का रहने वाला है। एसटीएफ को तीनों आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन सेम टी 18 फरवरी के द्वितीय पाली का एग्जाम पेपर भी बरामद हुआ है।

उत्तर प्रदेश आरक्षी भर्ती एग्जाम में करीब 50 लाख बच्चों ने फॉर्म भरा था यह परीक्षा 17 और 18 फरवरी 2024 को दो पालियों में संपन्न हुई। लेकिन 18 फरवरी 2024 की द्वितीय पाली के एग्जाम से पहले ही पेपर लीक की खबरें सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर फैलने लगी जो बाद में जांच करने पर सही पाई गई। वहीं सरकार द्वारा परीक्षा को निरस्त कर पेपर लीक मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने कई टीमों का गठन कर अलग-अलग तारीखों में व अलग-अलग जनपदों में 12 मुकदमे दर्ज करा कर अब तक 54 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। यह गिरफ्तारियां प्रदेश के वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद, मेरठ, प्रयागराज, झांसी, कानपुर, बरेली, गोरखपुर, हाथरस, नोएडा, बलिया से की गई है।

यूपी एसटीएफ को जानकारी मिली कि पेपर लीक मामले के तीन मुख्य आरोपी दिल्ली भागने की फिराक में है वहीं गाजियाबाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई जिसके बाद दिल्ली जाने वाले लाल कुआं फ्लाईओवर के पास ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि अभिषेक शुक्ला बीएससी पास आउट है और वर्ष 2021 में उसने बतौर ट्रेनिंग एग्जीक्यूटिव के पद पर अहमदाबाद की टीसीआई एक्सप्रेस कंपनी में नौकरी पाई थी। जहां उसकी मुलाकात प्रयागराज में कंस्लटेंसी चलाने वाले अंकित मिश्रा से हुई बाद में अंकित मिश्रा ने अभिषेक शुक्ला की मुलाकात गौतमबुद्धनगर के रहने वाले रवी अत्री से कराई जिसके 6 महीने बाद अभिषेक शुक्ला ने अहमदाबाद की कंपनी छोड़ दिया था।

अहमदाबाद में मिले थे शिवम गिरी, अभिषेक शुक्ला और रोहित पांडे
इसी टीसीआई कंपनी में काम करने वाले अभियुक्त शिवम गिरी ने बताया कि वर्ष 2020 में वह टीसीआई कंपनी की दिल्ली ब्रांच में काम करता जिसका ट्रांसफर 10-11 महीने बाद अहमदाबाद ब्रांच में कर दिया गया। जहां उसकी मुलाकात दो अन्य अभियुक्त अभिषेक शुक्ला और रोहित पांडे से हुई। बताते चलें रोहित पांडे ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री हासिल करने के बाद टीसीआई में अपनी नौकरी शुरू की थी। तीनों अभियुक्तों ने इस टीसीआई कंपनी को अलग-अलग समय में ज्वाइन किया और तीनों की आपस में जान पहचान हो गई जिसके बाद तीनों ने ही इस पेपर लीक मामले को अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर अंजाम दिया।

कैसे दिया घटना को अंजाम
रवि अत्री नामक व्यक्ति ने अभिषेक शुक्ला से कंपनी में पेपर आने की बात बताइए जिसके बाद यह पूरी प्लानिंग शुरू हुई। रवि अत्री ने पेपर लीक करने पर 5 लाख रुपए देने की बात कही वहीं काम पूरा होने पर 15 से 20 लाख रुपए देने को कहा। वहीं अगर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा मदद की गई तो उसे भी 5 लाख देने की बात कही गई। 1 फरवरी 2024 को शिवम गिरी द्वारा अभिषेक शुक्ला को जानकारी दी गई कि यूपी पुलिस का पेपर कंपनी में आ गया है इसके बाद यह जानकारी रवि अत्री को आगे पहुंचाई गई वहीं ट्रक की फोटो भी मांगने को रवि यात्री ने अभिषेक शुक्ला से कहा जिस फोटो को आगे चलकर राजीव नयन मिश्रा नामक व्यक्ति को भेजा गया जिस पर उसने किसी भी तरह पेपर निकलवाने की बात अभिषेक शुक्ला से कहीं।

5 फरवरी को राजीव नयन मिश्रा भोपाल से अहमदाबाद पहुंच गया था। वहीं पहले से ही अभिषेक शुक्ला और रवि अत्री मौजूद थे। जिसके बाद राजीव नयन मिश्रा ने शिवम गिरी के अकाउंट में 3 लाख रुपए भेज दिए। राजीव नयन मिश्रा ने एक अन्य व्यक्ति डॉक्टर शुभम मंडल को भी अहमदाबाद बुला लिया उसके बाद रवि अत्री और अभिषेक शुक्ला के साथ टीसीआई कंपनी पहुंचे जहां उन सभी की मुलाकात शिवम गिरी और रोहित कुमार पांडेय से हुई।

राजीव नयन मिश्रा ने अपना फोन देकर डॉक्टर शुभम मंडल को शिवम गिरी और रोहित पांडे के साथ कंपनी में भेजा जहां डॉक्टर शुभम मंडल ने ट्रक को पीछे से खोलकर दो अलग-अलग कोड के पेपर की फोटो खींच ली। इसके बाद 8 फरवरी को एक बार फिर से डॉक्टर शुभम मंडल को शिवम गिरी के साथ कंपनी के अंदर भेज कर एक अन्य कोड की फोटो खींचकर लाने को कहा गया। तीसरी कोड की फोटो खींचने के बाद डॉक्टर शुभम मंडल अहमदाबाद से वापस पटना चला गया लेकिन राजीव नयन मिश्रा चौथ कोड के इंतजार में अहमदाबाद में ही रुका रहा। लेकिन चौथे कोड का पेपर उसे नहीं मिल पाया इसके बाद रवि अत्री और राजीव नयन मिश्रा ने इन पेपर्स को कई लोगों को दिए।

बताते चलें राजीव नयन मिश्रा ने वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश में आयोजित हुई टेट परीक्षा का भी पेपर लीक कराया था।  जिसके बाद उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भी भेजा गया था। वहीं साल 2023 में मध्य प्रदेश में आयोजित हुई संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा पेपर लीक करने का भी मामला ग्वालियर में दर्ज है इस प्रकरण में भी राजीव नयन मिश्रा को जेल भेजा गया था। रवि अत्री पर भी एआईपीएमटी संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा मध्य प्रदेश का पेपर वर्ष 2015 में लिखकर आया था जिसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था। फिलहाल उत्तर प्रदेश एसटीएफ सभी अभियुक्त से पूछताछ कर रही है और अन्य और किसी अभियुक्त की संलिप्तता है या नहीं इसकी भी जांच की जा रही है।

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