उन्नत विनिर्माण केंद्र की स्थापना के लिए कार्यशाला : उत्तर प्रदेश में बनेगा भारत का पहला ऐसा सेंटर, सीएम के विजन से मेल

UPT | उन्नत विनिर्माण केंद्र की स्थापना के लिए कार्यशाला

Aug 10, 2024 22:29

उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के सहयोग से "भारत उन्नत विनिर्माण केंद्र पर सार्वजनिक-निजी कार्यशाला" का आयोजन किया।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के सहयोग से "भारत उन्नत विनिर्माण केंद्र पर सार्वजनिक-निजी कार्यशाला" का आयोजन किया। यह कार्यशाला लखनऊ के पिकअप भवन में आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य भारत के पहले उन्नत विनिर्माण केंद्र की स्थापना की योजना को संपूर्ण रूप से आकार देना था।

भारत के उन्नत विनिर्माण के बारे में बताया
कार्यशाला की शुरुआत वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सेंटर फॉर एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग एंड सप्लाई चेन के ग्रोथ एंड स्ट्रेटेजी हेड कायराकोस त्रिअंटफिलिडिस की शुरुआत भाषण से हुई। उन्होंने वैश्विक विनिर्माण केंद्रों के नेटवर्क में भारत के उन्नत विनिर्माण केंद्र की भूमिका पर प्रकाश डाला और इस परियोजना की महत्वता को रेखांकित किया। 

सीएम के विजन के साथ खाती मेल
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस सत्र की अध्यक्षता की और राज्य के औद्योगिक परिदृश्य में उन्नत विनिर्माण केंद्र की महत्वता को विस्तार से बताया। सिंह ने उत्तर प्रदेश की औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र, सहायक नीति वातावरण और गतिशील उद्यमशीलता की भावना पर जोर दिया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के विजन के साथ मेल खाती है। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य की जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र के योगदान को 25% से बढ़ाकर 45% करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश को देश के उन्नत विनिर्माण परिदृश्य में अग्रणी बनाने की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को व्यक्त किया। 



केंद्र के प्रमुख फोकस क्षेत्रों पर की चर्चा
इसके बाद, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सेंटर फॉर द फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन (C4IR) नेटवर्क की एशिया की एंगेजमेंट लीड, वंदना मेनन ने उन्नत विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला के लिए वैश्विक केंद्र का अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने केंद्र के प्रमुख फोकस क्षेत्रों पर चर्चा की, जिसमें लचीली मूल्य श्रृंखलाएं, प्रौद्योगिकी और नवाचार, मानव-केंद्रित परिवर्तन और सतत प्रणाली शामिल हैं।

भारत उन्नत विनिर्माण में चार प्राथमिकता
कायराकोस त्रिअंटफिलिडिस ने भारत उन्नत विनिर्माण केंद्र की अवधारणा और इसके चार प्रमुख प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला में पीटीसी इंडस्ट्रीज, मारुति सुजुकी, आदित्य बिड़ला ग्रुप, हायर, जेके सीमेंट, अशोक लीलैंड, ग्रीनलैम, हुंडई इंडिया, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, आरएसीएल ग्रीनटेक लिमिटेड और भारतीयम बेवरेजेज जैसी 40 से अधिक प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इन प्रतिनिधियों ने केंद्र की रणनीतिक दिशा पर गहन चर्चा की और यह विचार किया कि यह केंद्र वैश्विक और स्थानीय एजेंडा को कैसे जोड़ सकता है।

उन्नत विनिर्माण के भविष्य को आकार देने का आश्वासन
कार्यशाला के दौरान, प्रतिभागियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश प्रक्रियाओं और समग्र व्यावसायिक वातावरण को बेहतर बनाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। यह खुला मंच विशेष रूप से मूल्यवान साबित हुआ, जिसने हितधारकों को अपने दृष्टिकोण व्यक्त करने और राज्य में उन्नत विनिर्माण के भविष्य को आकार देने में योगदान करने का अवसर प्रदान किया।

आर्थिक विकास, तकनीकी उन्नति और सतत विकास को बढ़ावा
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने राज्य में उन्नत विनिर्माण केंद्र की स्थापना की योजनाओं की समीक्षा की और कार्यशाला के दौरान दिए गए सुझावों पर ध्यान देने की बात की। उन्होंने कहा कि यह केंद्र न केवल नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बल्कि राज्य के समग्र आर्थिक विकास में भी एक प्रमुख योगदान देगा। उत्तर प्रदेश सरकार और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के इस संयुक्त प्रयास से यह स्पष्ट होता है कि राज्य का उद्देश्य वैश्विक विनिर्माण परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरना है। उन्नत विनिर्माण केंद्र की स्थापना से उत्तर प्रदेश में आर्थिक विकास, तकनीकी उन्नति और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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