योगी सरकार का बड़ा कदम : फाइनेंस कंपनी से 1.10 लाख लोगों की वापस कराएगी रकम, सेबी से किया आग्रह

UPT | सीएम योगी

Jun 19, 2024 08:39

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पंजाब, हरियाणा, बिहार दिल्ली समेत पूरे देश के उन 20,84,635 लोगों को राहत दिलाई है...

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार लाखों लोगों की डूबी रकम वापस कराएगी। फाइनेंस कंपनी पर्ल्स एग्रो कंपनी लिमिटेड (PACL) द्वारा 1.10 लाख से भी अधिक लोगों की हड़पी रकम को वापस दिलाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने पीड़ित लोगों का पूरा ब्योरा भेजकर सेबी से उनका पैसा दिलाने का आग्रह किया है। बता दें कि इसमें 19 हजार रुपये तक की रकम गंवाने वालों को पहले चुना गया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पंजाब, हरियाणा, बिहार दिल्ली समेत पूरे देश के उन 20,84,635 लोगों को राहत दिलाई है जिन्होंने अधिकतम 19 हजार रुपये तक की रकम गंवा दी।

यूपी सरकार ने शुरू किया पोर्टल 
यूपी सरकार ने हित संरक्षण अधिनियम के तहत ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण पोर्टल बनाया और धोखाधड़ी करने वाली फाइनेंस कंपनियों के शिकार बने लोगों को राहत दिलाने के लिए एक पोर्टल शुरू किया। जिसके बाद इसी साल 4 जून तक 1.10 लाख से ज्यादा लोगों ने इस पोर्टल पर पीएसीएल कंपनी में पैसा लगाने के बाद धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। वित्त विभाग ने पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का पूरा ब्योरा सेबी को भेजा और फंसी रकम दिलाने का आग्रह किया। यूपी के लोगों की लगभग 30 हजार करोड़ रुपये की रकम फसी हुई हैं।

पीएसीएल ने लोगों को लालच देकर करवाया निवेश 
पीएसीएल ने ज्यादा ब्याज के साथ साथ जमीन का लालच दिया था। यह कंपनी पैसा दो या तीन गुना करने का झांसा देकर लोगों के पैसे निवेश करवाती है। साथ ही कहती है कि अगर आपको पैसा नहीं मिला तो आपकी पसंद की जगह पर जमीन दी जाएगी। जब धोखाधड़ी का खुलासा हुआ तो मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। अदालत ने निवेशकों को धन वापसी कराने के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई।

कमेटी ने निवेशकों दी राहत 
कमेटी ने कंपनी की जमीन बेच कर निवेशकों को रकम दिलाने की संस्तुति की। पहले 5000 रुपये तक की चोट खाने वालों का राहत दी गई। उसके बाद 7000 रुपये तक, फिर 10 हजार तक से लेकर 19 हजार तक की रकम का नुकसान उठाने वाले निवेशकों की डूबी रकम वापस कराई गई। इसके साथ ही सरकार ने शिकायत पोर्टल भी बनाया। जिसने गड़बड़ी करने वाली वित्तीय कंपनियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए।

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