चिटहेरा भूमि घोटाला : यशपाल तोमर और राजेश शर्मा का करीबी गिरफ्तार, एक साल से था फरार, घोषित था 50 हजार का इनाम

UPT | पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

Feb 19, 2024 14:02

गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपये के भूमि घोटाले से जुड़ी बड़ी ख़बर सामने आई है। इस मामले में फरार चल रहे 50,000 के इनामी और गैंगस्टर एक्ट में आरोपी नरेंद्र कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही उसे रविवार को जेल भेज दिया गया।

Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपये के भूमि घोटाले से जुड़ी बड़ी ख़बर सामने आई है। इस मामले में फरार चल रहे 50,000 के इनामी और गैंगस्टर एक्ट में आरोपी नरेंद्र कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही उसे रविवार को जेल भेज दिया गया। नरेंद्र कुमार पर किसानों से जबरन जमीन हड़पने और उन पर दिल्ली में फर्जी मुकदमे दर्ज करवाने का आरोप है। नरेंद्र कुमार चिटहेरा गांव में जमीन की लूट करने वाली भूमाफ़िया कंपनी त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के लिए काम करता था। नरेंद्र के नाम से ही किसानों के ख़िलाफ सबसे पहले दिल्ली के कश्मीरी गेट थाने में फर्जी एफआइआर दर्ज करवाई गई थी। जिसमें सात किसान लंबे अरसे तक जेल में बंद रहे थे। नरेंद्र चिटहेरा भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर और इस घोटाले का सबसे ज़्यादा लाभ उठाने वाले राजेश शर्मा का सबसे करीबी है।

राजेश शर्मा और यशपाल के लिए करता था काम
नरेंद्र कुमार भूमाफिया घोषित कम्पनी त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड का आधिकारिक नुमाइंदा था। इसी के नाम से कंपनी ने किसानों की जमीन हड़पी थी। नरेंद्र कुमार घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर और फाइनेंसर राजेश शर्मा का बेहद करीबी है। मिली जानकारी के मुताबिक, नरेंद्र कुमार और राजेश शर्मा बिजनेस पार्टनर हैं। दोनों दिल्ली में साथ रहते हैं। जानकारों ने बताया कि राजेश शर्मा और नरेंद्र कुमार ही यशपाल तोमर को बागपत से दिल्ली लेकर आए थे। यशपाल तोमर और उसके रिश्तेदार गजेंद्र सिंह की आपराधिक पृष्ठभूमि का राजेश शर्मा ने भरपूर इस्तेमाल किया। दरअसल, राजेश शर्मा का ताल्लुक दिल्ली में केबल ऑपरेटिंग से है। जिसके लिए उस वक्त आपराधिक छवि के लोगों की जरूरत थी। त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड की ही तरह राजेश शर्मा की कंपनी एचएसआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड और यशपाल तोमर की कंपनी आर्यनवीर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड ने किसानों से जमीन हड़पी है।

नरेंद्र ने किसानों के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया
आपको बता दें कि चिटहेरा गांव में जब किसानों ने यशपाल तोमर व राजेश शर्मा और उनकी कंवनी को ज़मीन देने से इनकार कर दिया, तो उनके खिलाफ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान में फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए गए। किसानों के खिलाफ सबसे पहला मुकदमा नरेंद्र कुमार ने दिल्ली के कश्मीरी गेट थाने में दर्ज करवाया था, हालांकि अब नरेंद्र कुमार ने इस मुक़दमे की जानकारी होने से साफ इंकार किया है। इतना ही नहीं नरेंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उसने कहा है, कि उसे कश्मीरी गेट थाने में किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज करवाए गए मुकदमे की कोई जानकारी नहीं है। उसकी आईडी का गैर वाजिब तरीके से इस्तेमाल किया गया है। मुक़दमा डालने के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों पर उसके दस्तख़त नहीं हैं। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी है।

राजेश शर्मा पर गैंगस्टर का मुकदमा क्यों नहीं?
इस पूरी कार्रवाई के बीच एक बड़ा सवाल यह उठता है कि एचएसआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और डायरेक्टर राजेश शर्मा का नाम गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज किए गए मुकदमे में क्यों नहीं है? चिटहेरा भूमि घोटाले का सबसे बड़ा लाभ राजेश शर्मा और उसकी कंपनी ने उठाया है। राजेश शर्मा ने किसानों को मिला मुआवज़ा हड़पा है। हम आपको पिछली खबर में बता चुके हैं, कि किस तरह किसानों के बैंक खातों से रूपये राजेश शर्मा को ट्रांसफर किए गए हैं। इससे गौतमबुद्ध नगर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

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