ग्रेटर नोएडा में बसना चाहते हैं तो यह खबर जरूर पढ़ें : शहर में 10 साल बाद ग्रुप हाउसिंग स्कीम लॉन्च, 20 हजार नए घर बनेंगे, अब बिल्डर धोखा नहीं दे पाएंगे

UPT | ग्रेटर नोएडा में घर

Feb 18, 2024 19:03

इस हाऊसिंग स्कीम की एक और खासियत रहेगी। अब बिल्डर किसी फ्लैट खरीदार के साथ धोखाधड़ी नहीं कर पाएंगे।  दरअसल, डेवलपर्स को पहले बोली लगाकर...

Short Highlights
  • ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में कुल 8 भूखंड पेश किए गए हैं।
  • ये प्लॉट ग्रेटर नोएडा के सेक्टर म्यू, ओमीक्रॉन, ईटा, सिग्मा, सेक्टर-36 और सेक्टर-12 में स्थित हैं।
Greater Noida News : अगर आप ग्रेटर नोएडा में बसना चाहते हैं तो यह खबर आपके काम की है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण विकास प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की योजना लॉन्च की है। इन भूखंडों को बोली लगाकर बिल्डर खरीदेंगे। आगामी 27 फरवरी 2024 तक इस योजना में आवेदन करना पड़ेगा। आवेदन करने के बाद दस्तावेज जमा करने की अंतिम तारीख 1 मार्च 2024 है। करीब 10 साल बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग योजना लॉन्च की है। कंपनियों में स्कीम को लेकर उत्साह है। मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर ही नहीं मुम्बई और पुणे के बिल्डर भी यह भूखंड खरीदने के लिए जोर आजमाइश करेंगे।

स्कीम के बारे में पूरी जानकारी
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में कुल 8 भूखंड पेश किए गए हैं। इन भूखंडों का आकार 3.50 एकड़ से लेकर 10 एकड़ तक है। भूखंडों का आवंटन ई-नीलामी के जरिए किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी करनी पड़ेगी। जो कंपनी सबसे बड़ी बोली लगाएगी, उसको भूखंड का आवंटन कर दिया जाएगा। प्राधिकरण ने स्तर पर साड़ी तैयारी पूरी कर ली हैं।

बिल्डर नहीं कर पाएंगे मनमानी
इस हाऊसिंग स्कीम की एक और खासियत रहेगी। अब बिल्डर किसी फ्लैट खरीदार के साथ धोखाधड़ी नहीं कर पाएंगे।  दरअसल, डेवलपर्स को पहले बोली लगाकर जमीन हासिल करनी पड़ेगी। उसके बाद 90 दिनों के भीतर पूरी भूमि की कीमत का भुगतान करना होगा। लिहाजा, बिल्डर फ्लैट खरीदारों से पैसे लेकर गोलमाल नहीं कर पाएगा। क्योंकि, वह अथॉरिटी को पूरा पैसा एडवांस में दे देगा। इसके बाद उसे घर बनाकर लोगों को देने हैं। अथॉरिटी से पास लेआउट योजना के अनुसार परियोजना को पूरा करना होगा। लीज डीड करवाने की तारीख से सात साल के भीतर प्रोजेक्ट पूरा करके प्राधिकरण से अधिभोग प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा। मतलब, बिल्डर एक से ज्यादा फेज में प्रोजेक्ट पूरा कर सकता है। इससे कंपनी पर आर्थिक दबाव नहीं आएगा।

कहां पर कितने प्लॉट हैं
ये प्लॉट ग्रेटर नोएडा के सेक्टर म्यू, ओमीक्रॉन, ईटा, सिग्मा, सेक्टर-36 और सेक्टर-12 में स्थित हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी के बताया कि सबसे छोटा प्लॉट सेक्टर-36 में है, जिसका क्षेत्रफल 3.5 एकड़ है। उसके बाद सेक्टर म्यू में 4.5 एकड़ का प्लॉट है। सेक्टर ओमीक्रॉन-1ए में 7.5 एकड़ का प्लॉट है। वहीं, सेक्टर ईटा में 7 एकड़ का प्लॉट है। इसके अलावा 7.5 एकड़ और 9.5 एकड़ के दो भूखंड सेक्टर सिग्मा-3 में हैं। वहीं, सेक्टर-12 में 5.5 एकड़ और 8 एकड़ के दो भूखंड में उपलब्ध हैं।

प्लॉट की कीमत कितनी होगी
अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक जमीन की कीमत 36,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 48,300 रुपये वर्ग मीटर तक होगी। इस कीमत से आगे कंपनियों को बोली लगनी हैं। कुल मिलाकर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अलावा आम लोगों को भी फायदा होने वाला है। जो लोग अपने सपनों का घर ढूंढ रहे हैं, उनको जल्दी चाबी मिल सकती है। इन भूखंडों की कुल आरक्षित कीमत 970 करोड़ रुपये से अधिक है। अथॉरिटी को इस जमीन नीलामी से कम से कम एक अरब रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इस भूखंडों पर करीब 20 हजार नए घरों का निर्माण किया जाएगा।

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