बड़ी खुशखबरी : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लांच की चार एफएआर वाले 18 वाणिज्यिक भूखंडों की योजना

UPT | ग्रेटर नोएडा औद्योगिक प्राधिकरण।

Feb 28, 2024 18:25

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर वाणिज्यिक विभाग ने चार एफएआर वाले 18 भूखंडों की योजना सोमवार को लांच कर दी है। बुधवार से इस योजना के भूखंडों के लिए पंजीकरण शुरू हो गए।

Greater Noida News : चार एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) वाले 18 वाणिज्यिक भूखंडों की योजना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लॉन्च कर दी है। अगर ये सभी भूखंड आवंटित हो गए तो ग्रेटर नोएडा में जल्द ही 18 कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और बन सकेंगे। ग्रेटर नोएडावासियों को रोजमर्रा की जरूरत के सामान खरीदने में और सुविधा हो जाएगी। रिजर्व कीमत पर इन 18 भूखंडों की कीमत लगभग 1134 करोड़ रुपये है।

कहां पर हैं ये भूखंड
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर वाणिज्यिक विभाग ने चार एफएआर वाले 18 भूखंडों की योजना सोमवार को लांच कर दी है। बुधवार से इस योजना के भूखंडों के लिए पंजीकरण शुरू हो गए। ये भूखंड 2313 वर्ग मीटर से लेकर 12,000 वर्ग मीटर एरिया तक के हैं। सेक्टर-10 में चार, सेक्टर-12 में छह, अल्फा टू, इकोटेक 12 और टेकजोन में एक-एक और डेल्टा टू में पांच भूखंड स्थित हैं। चार एफएआर होने के कारण आवंटी कुल ग्राउंड कवरेज का 400 फीसदी पर निर्माण कर सकता है। इससे ग्रेटर नोएडा में अब हाईराइज कॉमर्शियल इमारतें बन सकेंगी। 

21 मार्च तक कर सकते हैं आवेदन 
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि बुधवार से ब्रोशर डाउनलोड करने की सुविधा शुरू हो गई। स्कीम में पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि 21 मार्च है। प्रोसेसिंग फीस और डॉक्यूमेंट जमा करने की अंतिम तारीख 23 मार्च है। इन भूखंडों का आवंटन ऑक्शन के जरिए ही किया जाएगा। आवेदन से लेकर आवंटन तक की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन ही पूरी की जाएगी। एसबीआई पोर्टल के जरिए आवेदन किया जाएगा। 

लोगों की जरूरतें होंगी पूरी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट से भी एसबीआई पोर्टल को लिंक किया गया है, ताकि आवेदक प्राधिकरण की वेबसाइट से भी आवेदन कर सकें। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि निवेशकों की मांग और ग्रेटर नोएडावासियों की जरूरत को देखते हुए प्राधिकरण ने चार एफएआर के साथ वाणिज्यिक भूखंड योजना को लॉन्च कर दी है। आवंटन प्रक्रिया पूरी होते ही पजेशन दे दिया जाएगा। इन भूखंडों पर वाणिज्यिक गतिविधियां शुरू होने से आसपास के निवासियों की रोजमर्रा की जरूरतें भी पूरी हो सकेंगी।
 

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