बारिश और महंगाई ने मिलाया हाथ : यूपी में बाढ़, सब्जियों के दाम ने छूए आसमान, जानें बाजार का हाल...

UPT | बारिश और महंगाई ने मिलाया हाथ

Sep 18, 2024 15:17

उत्तर प्रदेश में कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। यूपी के कई जिलों में बाढ़ देखने को मिल रही है तो वहीं सब्जियों के दाम ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए...

Noida News : उत्तर प्रदेश में कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। यूपी के कई जिलों में बाढ़ देखने को मिल रही है तो वहीं सब्जियों के दाम ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आम जनता के लिए सब्जी खरीदना मुश्किल हो गया है। लगता है बारिश और महंगाई ने आपस में हाथ मिला लिया है, जिसका असर आम जन-जीवन पर पड़ रहा है। गरीबों की थाली से सब्जियां गायब हो रही हैं। महंगाई की आंच में गरीब इंसान झुलस रहा है। आइये जानते हैं यूपी में मौसम और बाजार का हाल...

सब्जियों के दाम देख चकरा रहे लोग
बारिश के कारण बाजार में सब्जियों की आवक कम हो गई है, जिससे दामों में तेजी आई है। हरा धनिया और लहसुन की कीमतें 500 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। प्याज भी अब 70 रुपये प्रति किलो बिक रही है। इन बढ़ते दामों के कारण सब्जियां गरीबों की थाली से दूर होती जा रही हैं, और मध्यमवर्गीय लोग भी आवश्यकतानुसार कम सब्जियां खरीद रहे हैं। हरा धनिया तो सोच से भी ज्यादा महंगे भाव में मिल रहा है। जहां दुकानदार फ्री में हरा धनिया देते थे, वहीं आज उसका दाम आसमान छू रहा है।  



सब्जियों के दाम ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि वर्तमान में हरा धनिया और लहसुन की कीमत 500 रुपये प्रति किलो है। नोएडा में मेट्रो स्टेशन के पास पर सब्जी बेचने वाले ने उत्तर प्रदेश टाइम्स को बताया कि, हरा धनिया और लहसुन की कीमत 500 रुपये प्रति किलो है। इसके अलावा, अदरक के दाम 100 रुपये से बढ़कर 160 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। 120 रुपये किलो मिलने वाली विन्स की फली अब 180 रुपये प्रति किलो बिक रही है। प्याज के दाम 50 से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। वहीं प्याज की कीमतें 100 रुपये किलो तक जाने की संभावना जताई जा रही है। यूपी में प्याज सबसे ज्यादा महाराष्ट्र से आता है। वहां पर बारिश की वजह से फसल खराब हो रही हैं जिससे दामो में बढ़ोतरी हुई है।

बारिश और महंगाई का गठजोड़
वहीं बारिश के कारण यातायात ठप पड़ा है। सब्जियों की डिमांड ज्यादा है और सप्लाई कम है। सब्जियों के ट्रक अगर कहीं फंस जाते हैं तो बारिश के कारण सारी सब्जी खराब हो जाती है। इससे सब्जी की मात्रा कम हो जाती है और डिमांड बढ़ जाती है। आपको पता है जिस चीज की भी डिमांड बढ़ती है तो दाम में उछाल खुद ही आ जाता है। बारिश की वजह से फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है जिससे उत्पादन में भी कमी आई है। एक आदमी मौसम की मार झेल रहा है तो वहीं सब्जियां आम आदमी की जेब खाली कर रही हैं।

यूपी के 11 जिलों में तेज तूफानी बारिश 
यागी तूफान के चलते उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिनों से कई जगह भारी बारिश हुई है। बुधवार को भी इस तूफान का प्रभाव जारी रहेगा, जिससे राज्य के कई इलाकों में भारी और मूसलाधार बारिश की संभावना है। इसके अलावा, यूपी के अधिकांश क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने और हल्की बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में तेज तूफानी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, जालौन, और हमीरपुर में भारी बारिश की संभावना है।

43 जिलों में वज्रपात की संभावना
वहीं उत्तर प्रदेश के 43 जिलों में वज्रपात की संभावना है। मौसम विभाग ने बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, और ललितपुर में हल्की बारिश के साथ बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है।

जानें प्रदेश में हुई बारिश का हाल
उत्तर प्रदेश में अनुमानित बारिश 5 मिमी के मुकाबले 4.2 मिमी रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य से 16% कम है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में, अनुमानित 5.2 मिमी के सापेक्ष 6.9 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 32% अधिक है। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 4.8 मिमी के मुकाबले केवल 0.1 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 98% कम है।

24 जिले बाढ़ से प्रभावित
पिछले कुछ दिनों की बारिश के कारण उत्तर भारत के कई राज्यों में बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो गई हैं। उत्तर प्रदेश के 24 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जहां सैकड़ों गांवों पर संकट मंडरा रहा है। यूपी में गंगा, वरुणा और घाघरा नदियाँ उफान पर हैं। गोंडा जिले के 35 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि बलिया में भी बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ गया है। झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई जिले भी बाढ़ की चपेट में हैं। बिहार में बाढ़ के कारण कई गांवों का संपर्क टूट चुका है, और ओडिशा में 250 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है।

इटावा में  सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न 
इटावा में देर रात से तेज हवाओं के साथ लगातार बारिश हो रही है। बिजली की गड़गड़ाहट के बीच जोरदार बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे कई जगह पानी भर गया है। किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है, और कई स्थानों पर पेड़ गिरने के कारण सड़कों पर आवागमन बाधित हो गया है। इस स्थिति से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, और इटावा शहर के अधिकांश मोहल्लों में बारिश का पानी घरों में प्रवेश कर गया है।

लखीमपुर जिले के गांव बाढ़ के पानी से डूबे 
लखीमपुर जिले के गांव बाढ़ के पानी से डूबे हुए हैं। लोग जैसे-जैसे अपनी जान बचाने को मजबूर हैं। पलिया, निघासन, फूलबेहड़, बिजुआ और धौरहरा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों में लोग गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। घरों में पानी भरने से लोग छतों और सड़कों पर जीवन यापन कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों को भोजन, पानी और अन्य आवश्यकताओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जबकि पलिया-भीरा मार्ग पर आवागमन अब भी बाधित है। हालांकि कुछ बाइक चालक जोखिम उठाकर इस मार्ग से गुजर रहे हैं, लेकिन बाढ़ ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।

यमुना और मंदाकिनी नदियां उफान पर
पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। चित्रकूट में यमुना नदी अपने उग्र रूप में बह रही है, जिससे स्थानीय लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मंदाकिनी नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण रामघाट पर नदी खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। प्रशासन लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है। दुकानदार अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे हुए हैं।

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