Ghaziabad News : परिषदीय विद्यालयों में बनाई जाएगी किचन गार्डन, बच्चों को सिखाई जाएगी बागवानी

UPT | Kitchen gardens

Oct 08, 2024 08:19

स्कूलों में होने वाली सब्जियों की फसल को बच्चों के लिए बनने वाले एमडीएम में प्रयोग किया जाएगा। इससे बच्चों को ताजी सब्जियों का स्वाद मिलेगा

Short Highlights
  • जिले के 446 परिषदीय विद्यालय में बनाए जाएंगे किचन गार्डन
  • प्रत्येक विद्यालय को किचन गार्डन तैयार करने को मिलेगा 5000 रुपये
  • किचन गार्डन के रखरखाव की तय होगी जिम्मेदारी
Ghaziabad News : गाजियाबाद के परिषदीय विद्यालयों में किचन गार्डन विकसित की जाएंगी। इनके माध्यम से बच्चों को किचन गार्डन और बागवानी के गुर सिखाएं जाएंगे। इसको लेकर विभाग को ग्रांट जारी की गई है। हर परिषदीय विद्यालय को पांच हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। गाजियाबाद में कुल 446 परिषदीय विद्यालय हैं। इन सभी में किचन गार्डन तैयार किया जाएगा। इसके लिए पांच हजार रुपये प्रति विद्यालय ग्रांट जारी की गई है। बीएसए ओपी यादव ने बताया कि सभी प्राथमिक विद्यालयों में किचन गार्डन तैयार किया जाएगा।

निजी विद्यालयों की तर्ज पर व्यवस्थित किए जाने की योजना
उन्होंने बताया कि परिषदीय विद्यालयों को निजी विद्यालयों की तर्ज पर व्यवस्थित किए जाने की योजना बनाई गई है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में किचन गार्डन बनेंगे। इससे स्कूल परिसर हरा-भरा दिखने के साथ ही बच्चों को फसलों के प्रकार, फसल चक्र आदि का ज्ञान मिलेगा। इसी के साथ बच्चे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी होंगे। इन किचन गार्डन में लौकी, तोरई, करेला, भिंडी जैसी मौसमी सब्जियां उगाई जाएंगी। वहीं फलों में केला, पपीता, अनार और अमरूद के पौधे लगाए जाएंगे। वाटिका के रखरखाव के लिए प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। विद्यार्थियों की मदद से ही इसे संवारा जाएगा।

पर्यावरण के प्रति भी किया जाएगा जागरूक
बीएसए ओपी यादव ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पर्यावरण के प्रति सजग करने के लिए जागरूक किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के प्रति शुरूआत से ही जिम्मेदारी का भाव पैदा हो, इसलिए यह फहल की जा रही है। न्याय पंचायत व ब्लॉक स्तर पर अच्छी वाटिकाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा। शिक्षक व छात्र इसके माध्यम से किस तरह के प्रयोग कर रहें हैं, इसकी जानकारी दूसरे विद्यालयों को भी दी जाएगी। वाटिकाओं की निगरानी शासन स्तर से की जाएगी। स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए इसका सत्यापन किया जाएगा।

एमडीएम में ताजी सब्जियों का होगा प्रयोग
उन्होंने बताया कि स्कूलों में होने वाली सब्जियों की फसल को बच्चों के लिए बनने वाले एमडीएम में प्रयोग किया जाएगा। इससे बच्चों को ताजी सब्जियों का स्वाद मिलेगा, वहीं बच्चों को कौन सी सब्जी कब पैदा होती है, फलों के सीजन के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी।

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