पश्चिमी यूपी में कांग्रेस को मिलेगी मजबूती : रालोद छोड़ने के बाद मेराजुद्दीन अहमद की पार्टी में वापसी, संविधान बचाओ सम्मेलन में हुए शामिल

UPT | मेराजुद्दीन अहमद ने कांग्रेस में की वापसी

Oct 18, 2024 17:22

पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद ने शुक्रवार को गाजियाबाद में आयोजित कांग्रेस संविधान बचाओ संकल्प सम्मेलन में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में घर वापसी की। उन्होंने हाल ही में राष्ट्रीय लोकदल...

Ghaziabad News : पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद ने शुक्रवार को गाजियाबाद में आयोजित कांग्रेस संविधान बचाओ संकल्प सम्मेलन में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में घर वापसी की। उन्होंने हाल ही में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) से इस्तीफा दिया था और अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी अनिवाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की उपस्थिति में उनकी औपचारिक वापसी हुई।

रालोद से इस्तीफे के बाद फैसला
डॉ. मेराजुद्दीन अहमद जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली पार्टी रालोद से इस्तीफे के बाद अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर विचार-विमर्श जारी रखा। कई चर्चाओं और समर्थकों से विमर्श के बाद उन्होंने कांग्रेस में लौटने का निर्णय लिया। गाजियाबाद में आयोजित इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में उन्होंने कांग्रेस के साथ फिर से हाथ मिलाया।

कांग्रेस में वापसी से पश्चिमी यूपी को नई ताकत
डॉ. अहमद पहले भी कांग्रेस के सदस्य रह चुके हैं, और उनकी वापसी पर कांग्रेस के मेरठ, बागपत और आसपास के क्षेत्रों के नेताओं ने खुशी व्यक्त की। इन नेताओं ने कहा कि उनके कांग्रेस में लौटने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी को नई मजबूती मिलेगी। उनकी वापसी से पार्टी में नए ऊर्जा का संचार होगा और कांग्रेस को क्षेत्रीय स्तर पर एक मजबूत आधार मिलेगा।

कांग्रेस नेताओं ने किया स्वागत
डॉ. मेराजुद्दीन अहमद का कांग्रेस में स्वागत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल, आराधना मोना मिश्रा, सांसद तरुण पूनिया, पूर्व सांसद दानिश अली और पूर्व विधायक हरेंद्र अग्रवाल ने उन्हें पार्टी में शामिल किया। इस अवसर पर पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और समर्थक भी मौजूद रहे। डॉ. अहमद की घर वापसी को कांग्रेस के नेताओं ने एक सकारात्मक संकेत माना है। 

समर्थकों के साथ हुई वापसी
डॉ. अहमद की कांग्रेस में वापसी एक व्यक्तिगत फैसला नहीं था, बल्कि उनके साथ उनके कई समर्थक भी कांग्रेस का हिस्सा बने। यह इस बात का संकेत है कि वह केवल अपने बल पर नहीं बल्कि जनसमर्थन के साथ कांग्रेस में लौटे हैं, जो उनके लिए पार्टी में नई संभावनाओं का द्वार खोल सकता है।

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