गुरु पूर्णिमा : हापुड़ में लाखों श्रद्धालुओं किए स्नान, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

UPT | गंगा में स्नान करते श्रद्धालु

Jul 22, 2024 01:32

गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट गंगा घाट पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है। परिवार के साथ आए श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान और दान आदि कर पुण्य लाभ कमाया। घाट पर भंडारों...

Hapur News : गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट गंगा घाट पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है। परिवार के साथ आए श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान और दान आदि कर पुण्य लाभ कमाया। घाट पर भंडारों और यज्ञ का आयोजन किया गया। रविवार को गुरूपूर्णिमा के पावन अवसर पर ब्रजघाट गंगा में स्नान के लिए शनिवार की रात से ही आसपास के और पड़ोसी जिलों के श्रद्धालु ब्रजघाट गंगा पर पहुंचने शुरू हो गए। रविवार भोर के 4 बजे तक ब्रजघाट गंगा तट श्रद्धालुओं से खचखच भर गया। 

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन सख्त
ब्रजघाट पर आस्था की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने सख्त इंतजाम किये। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सादा कपड़ों में पुलिस कर्मी तैनात रहे।पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ने पर अधिक जल गहराई वाले स्थानों पर खतरे के निशान लगाकर बैरिकेडिंग की गई। इससे आगे श्रद्धालुओं को स्नान के लिए नहीं जाने दिया जाएगा। इस दौरान गंगा तट पर मेले का आयोजन भी किया गया और इस दौरान श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। सूर्योदय के साथ ही सूर्यदेव को अर्घ्य दियाऔर उपासना की गई।

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शास्त्रों में गुरु शब्द का अर्थ
गुरु पूर्णिमा का दिन बहुत खास होता है। पंचांग के अनुसार यह तिथि आषाढ़ पूर्णिमा होती है। मान्यता है कि हिंदू धार्मिक ग्रंथ महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म भी इसी दिन हुआ था। वेद व्यास ने चारों वेदों का ज्ञान भी दिया और पुराणों की रचना थी। इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में गुरु शब्द का अर्थ बताया गया है। गुरु दो अक्षकों से मिलकर बना है गु का अर्थ अंधकार से है और रु का आर्थ उसे हटाने वाले से, यानि अंधाकर के अज्ञामता से हटाकर जो ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाए वहीं सच्चा गुरु है। संत कबीर दास ने भी अपने दोहे में गुरु की महिला का बखान करते हुए गुरुओं पर आधारित कबीर दास के ये दोबे खूब प्रचलित है।अपने दोहे में कबी गुरू को ईश्वर और माता पिता से श्रेष्ठ बताते हैं।

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