Meerut News : दिल की ट्रिपल वेसल डिजीज से पीड़ित 70 वर्षीय मरीज के घुटने का सफल प्रत्यारोपण

UPT |

Nov 18, 2024 17:44

प्राइवेट चिकित्सालयों में इस प्रत्यारोपण के लिए लगभग 2.5-3.0 लाख रुपये का खर्चा आता है जब कि मेडिकल कॉलेज मेरठ में इस प्रत्यारोपण हेतु लगभग  82 हजार रुपये इंप्लांट  का खर्चा हुआ

Short Highlights
  • मेडिकल कालेज के अस्थि रोग विभाग में प्रत्यारोपण
  • प्राचार्य डॉक्टर आरसी गुप्ता ने दी चिकित्सकों को बधाई 
  • स्पाइनल एनेस्थीसिया देकर मरीज का किया ऑपरेशन  
Meerut News : मेरठ मेडिकल कालेज में एक ऐसे मरीज के घुटने के सफल प्रत्यारोपण किया है जो कि दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित था। ऐसे मरीज को स्पाइनल एनेस्थीसिया देकर घुटने का सफल प्रत्यारोपण किया गया। 

घुटने का सफल  प्रत्यारोपण किया
प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता के नेतृत्व में लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज मेरठ नित नई-नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। इसी क्रम में लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज मेरठ के अस्थि रोग विभाग द्वारा हार्ट की ट्रिपल वेसल डिजीज नामक गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज के घुटने का सफल  प्रत्यारोपण किया। 

घुटने की गठिया की बीमारी से ग्रसित
मरीज़ की आयु 70 वर्ष, निवासी थानाभवन है। घुटने की गठिया की बीमारी से ग्रसित होने के कारण चलने फिरने में असमर्थ होने पर उन्होंने मेडिकल कॉलेज मेरठ के अस्थि रोग विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों को संपर्क किया। चिकित्सकों ने उन्हें प्रत्यारोपण कि सलाह दी। तत्पश्चात् अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ज्ञानेश्वर टोंक, डॉ. सुमित अग्रवाल एवं डॉ. पंकज वर्मा की टीम के द्वारा उनके घुटने का सफल प्रत्यारोपण किया गया।

तीनों धमनियों में 50 प्रतिशत से 70 प्रतिशत रक्त का प्रभाव अवरुद्ध
अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ज्ञानेश्वर टोंक ने बताया कि मरीज ट्रिपल वेसल डिजीज से ग्रसित था जिसमें मरीज़ की तीनों धमनियों में 50 प्रतिशत से 70 प्रतिशत रक्त का प्रभाव अवरुद्ध था। ऐसे मरीजों में एनेस्थीसिया का अत्यधिक रिस्क होता है। जिसके लिये मेडिकल कॉलेज मेरठ के एनेस्थीसिया विभाग के आचार्य डॉ योगेश मानिक, डॉ. प्रमोद कुमार एवं डॉ. अंकित, डॉ० गौरी एवं डॉ० कृष्णा की टीम के द्वारा यूनिलैटरल लिंब ब्लॉक, स्पाइनल एनेस्थीसिया देकर मरीज का ऑपरेशन करवाया गया।

अगले दिन से ही चलना आरम्भ कर दिया
मरीज को ऑपरेशन के दौरान एवं बाद में तीन दिन तक ऐपिड्यूडल कैथेटर के द्वारा दर्द की दवाई दी जाती है l जिससे मरीज को ऑपरेशन के उपरांत भी दर्द नहीं होता है एवं उसे फिजियोथेरेपी के द्वारा घुटने की मूवमेंट अधिक से अधिक प्राप्त करने में सहायता मिलती है। मरीज का यह जटिल ऑपरेशन सफल रहा। मरीज ने ऑपरेशन के अगले दिन से ही चलना आरम्भ कर दिया एवं दर्द रहित रहा। 

प्रत्यारोपण के लिए लगभग 2.5-3.0 लाख रुपये का खर्चा
प्राइवेट चिकित्सालयों में इस प्रत्यारोपण के लिए लगभग 2.5-3.0 लाख रुपये का खर्चा आता है जब कि मेडिकल कॉलेज मेरठ में इस प्रत्यारोपण हेतु लगभग  82 हजार रुपये इंप्लांट  का खर्चा हुआ। शेष सुविधाएं मेडिकल कॉलेज में निशुल्क उपलब्ध कराई गई। प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने इस सफल प्रत्यारोपण हेतु ऑपरेशन करने वाली पूरी टीम को बधाई दी है।
 

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