एनटीपीसी विंध्याचल परियोजना की राख का अवैध परिवहन : जान को खतरा, दोपहिया वाहन चालक भी परेशान

UPT | एनटीपीसी विंध्याचल परियोजना की राख का अवैध परिवहन

Oct 20, 2024 01:53

सोनभद्र जिले में एनटीपीसी की सिंगरौली और विंध्याचल परियोजनाओं से निकलने वाली राख का अवैध परिवहन आम जनजीवन पर भारी पड़ रहा है। इसके साथ ही सड़क पर चलने वाले वाहनों और मोटरसाइकिल चालकों को भी दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

Sonbhadra News : सोनभद्र जिले में एनटीपीसी की सिंगरौली और विंध्याचल परियोजनाओं से निकलने वाली राख का अवैध परिवहन आम जनजीवन पर भारी पड़ रहा है। इन परियोजनाओं से निकलने वाली राख को विभिन्न स्थानों पर ले जाने के लिए करोड़ों रुपये का टेंडर दिया गया है,जिसमें भारी संख्या में ओवरलोड ट्रक और टेलर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस ओवरलोडिंग के कारण सूखी और गीली राख जगह-जगह सड़कों पर गिरती है, जिससे स्थानीय इलाकों में प्रदूषण बढ़ रहा है और सड़क पर चलने वाले वाहनों के लिए गंभीर खतरे पैदा हो रहे हैं।

अव्यवस्थित राख परिवहन से बढ़ता प्रदूषण
एनटीपीसी से निकलने वाली राख के परिवहन के दौरान यह ध्यान नहीं रखा जा रहा है कि राख सड़क पर न गिरे। इसके परिणामस्वरूप, भारी मात्रा में सूखी राख वाहनों के चलने से उड़कर आस-पास के इलाकों में फैल जाती है। इसके कारण हवा में धूल का गुबार उठता है, जिससे आसपास के रहने वाले लोगों को श्वसन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही सड़क पर चलने वाले वाहनों और मोटरसाइकिल चालकों को भी दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राख लोड करने के बाद सड़क पर किसी भी हालत में राख नहीं गिरनी चाहिए, लेकिन ये निर्देश केवल कागजों तक सीमित नजर आ रहे हैं।

दुर्घटनाओं की आशंका और राहगीरों की परेशानियां 
शनिवार को विंध्याचल परियोजना से राख लेकर जा रही एक ट्रक अनपरा मोड़ स्थित लैंको मेधा पावर के आवासीय परिसर के पास मुख्य मार्ग पर लगभग दो सौ मीटर तक भारी मात्रा में गीली राख गिरा दी। इस राख के कारण सड़क पर पैदल चलने वालों और वाहनों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गईं। सड़क पर राख गिरने के बाद समय पर सफाई न होने के कारण सूखी राख पाउडर में बदल जाती है और वाहनों के आवागमन से उड़ती है। इससे वहां धूल का घना गुबार उठता है, जिससे सड़क पर कुछ दिखाई नहीं देता और राहगीरों को अपनी आंख, नाक और मुंह में राख जाने की समस्या का सामना करना पड़ता है।

प्रशासन की निष्क्रियता
हालांकि, एनजीटी के निर्देश हैं कि परिवहन के दौरान राख को सही ढंग से ढक कर ले जाया जाए, लेकिन इस पर अमल न होने से स्थानीय लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। प्रशासन और संबंधित विभाग की निष्क्रियता के कारण यह समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। सड़क पर गिरी राख के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है, जिससे लोगों में भय का माहौल है।

सड़क पर बिखरी राख से उत्पन्न यह स्थिति स्थानीय प्रशासन और एनटीपीसी परियोजना के प्रबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती है। समय रहते यदि सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है, जिससे जनजीवन और पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा।  

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