बस्ती के किसानों ने डीएम से लगाई गुहार : दबंगों के चलते बंद हुआ गन्ना क्रय केंद्र खोला जाए, मांगी राहत

UPT | किसान अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे डीएम कार्यालय

Nov 11, 2024 19:23

किसानों का आरोप है कि गांव के कुछ दबंगों ने मिलकर गन्ना क्रय केंद्र को जबरदस्ती बटेपुरवा स्थानांतरित करवा लिया है, जिससे उन्हें गन्ना तौलने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है...

Short Highlights
  • गन्ना किसानों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
  •  भारी कठिनाइयों का सामना कर रहे बस्ती के किसान
  • डीएम से मांगा गन्ना क्रय केंद्र वापस
Basti News : बस्ती जिले के नादेकुआ गांव के 62 गन्ना किसान जिलाधिकारी (डीएम) कार्यालय पहुंचे। उन्होंने डीएम से मुलाकात करके अपनी समस्याओं का समाधान मांगा। किसानों का आरोप है कि गांव के कुछ दबंगों ने मिलकर गन्ना क्रय केंद्र को जबरदस्ती बटेपुरवा स्थानांतरित करवा लिया है, जिससे उन्हें गन्ना तौलने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के अनुसार, यह बदलाव उनके लिए बहुत समस्याजनक है और उन्होंने इस मुद्दे को डीएम के सामने उठाया।

किसानों के समय और पैसे की हो रही बर्बादी
किसानों ने डीएम को दिए गए पत्र में बताया कि नादेकुआ गांव के सभी किसान विक्रमजोत गन्ना समिति के तहत आते हैं। पहले, भेलमापुर में गन्ना क्रय केंद्र स्थित था, लेकिन दबंगों के दबाव में इसे बटेपुरवा में शिफ्ट कर दिया गया। इससे किसानों को गन्ना तौलने के लिए दुबौलिया क्रय केंद्र तक लंबा और कठिन रास्ता तय करना पड़ता है। इस लंबे रास्ते के कारण किसानों का समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहे हैं, और उन्हें कृषि कार्य में अतिरिक्त परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।



गांव में गन्ना क्रय केंद्र स्थापित करने की मांग
किसानों ने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि भेलमापुर में गन्ना क्रय केंद्र को फिर से स्थापित किया जाए, ताकि उन्हें गन्ना लाने और ले जाने में आसानी हो। सत्य प्रकाश दुबे, जो इन किसानों के प्रतिनिधि हैं, ने बताया कि इस मुद्दे के बारे में 14 अक्टूबर को जिला गन्ना अधिकारी से भी शिकायत की गई थी। इसके बाद 28 अक्टूबर को 62 किसानों के हस्ताक्षर सहित एक और पत्र भेजा गया, जिसमें जिलाधिकारी कार्यालय, बभनान चीनी मिल और डीएम को भी रजिस्टर्ड पत्र भेजने की बात की गई, लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

धमकी भरा फोन आने के बाद गंभीर हुआ मामला
किसानों का आरोप है कि 27 अक्टूबर को सत्य प्रकाश दुबे को एक धमकी भरा फोन आया, जिसमें उनसे कहा गया कि वे क्रय केंद्र के मुद्दे पर चुप रहें। इस घटना के बाद किसानों ने इस मामले को और भी गंभीरता से लिया और विभिन्न मंचों पर अपनी आवाज उठाई। इस दौरान राम सिंह, राम बदल, मनोज कुमार, हरिशंकर, राजेंद्र प्रसाद, सनोज कुमार, सुधारक दुबे, आज्ञाराम चौधरी और रवि प्रकाश जैसे कई किसान इस मुद्दे पर एकजुट हुए थे।

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