ISIS पर खुलासा : क्रिप्टो से फंडिंग, टेलीग्राम से प्लानिंग और BJP दफ्तर पर निशाना, यूपी से ये कनेक्शन....

UPT | एनआईए की छापेमारी

Sep 09, 2024 18:18

बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट की जांच में बरेली से जुड़े अहम सुराग मिलने के बाद एनआईए ने इमाम के घर पर छापा मारा। जांच टीम ने मस्जिद पहुंचकर छह घंटे तक पूछताछ की और इमाम का मोबाइल व डायरी अपने साथ ले गई।

New Delhi : बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। आरोपियों में मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ शामिल हैं। एनआईए ने बताया कि इन आतंकवादियों ने क्रिप्टोकरेंसी के जरिए फंडिंग की और टेलीग्राम पर हमलों की योजना बनाई। भाजपा दफ्तर को निशाना बनाने की साजिश भी उजागर हुई है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी, यूए(पी) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, और पीडीएलपी अधिनियम के तहत चार्जशीट दायर की गई है।

अयोध्या प्राण-प्रतिष्ठा के दिन हमले की साजिश का खुलासा
एनआईए की चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि आईएसआईएस के साउथ मॉड्यूल ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के बीजेपी जिला मुख्यालय पर आईईडी हमले की साजिश रची थी। आईएसआईएस अल हिंद मॉड्यूल के प्रमुख सूत्रधार, महबूब पाशा कोड नेम से मास्टरमाइंड, विदेश से हमले का निर्देश दे रहा था। हालांकि, योजना विफल होने पर, हमलावरों ने बेंगलुरु के कैफे में विस्फोट कर दिया।

यह है बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट
1 मार्च 2024 को बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड स्थित रामेश्वरम कैफे में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे और होटल की संपत्ति को भारी नुकसान हुआ था। इस विस्फोट के बाद एनआईए ने 3 मार्च को जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि मुसाविर हुसैनशाजिब ही विस्फोटक बम लगाने का आरोपी है। 2020 में अल-हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद, हुसैनशाजिब और अब्दुल मथीन अहमद ताहा फरार हो गए थे। 

42 दिन बाद पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार
रामेश्वरम कैफे विस्फोट के 42 दिन बाद, पश्चिम बंगाल में दो संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी हुई। ये आरोपी, कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के निवासी माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ, आईएसआईएस से जुड़े हुए हैं। उन्होंने पहले सीरिया में आईएसआईएस के इलाकों में हिजरा करने की योजना बनाई थी और भोले मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। गिरफ्तारी के बाद, इनसे जुड़े अन्य मामलों की जांच की जा रही है।

ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से सिम कार्ड और बैंक खाते बनाए
जांच में पता चला है कि ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल किया। उन्होंने डार्क वेब से भारतीय और बांग्लादेशी पहचान दस्तावेज डाउनलोड किए। आगे की जांच में यह भी सामने आया कि ताहा को आतंकी शोएब अहमद मिर्जा ने लश्कर के बेंगलुरु मॉड्यूल मामले में फरार मोहम्मद शहीद फैसल से मिलवाया। ताहा ने फैसल, अपने हैंडलर महबूब पाशा, अमीर खाजा मोहिदीन और माज मुनीर अहमद से भी संपर्क किया।

बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट मामले में बरेली से कनेक्शन
बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट मामले की जांच में बरेली से जुड़े सुराग मिले थे। एनआईए की पांच सदस्यीय टीम ने भोजीपुरा थाने में धौराटांडा के इमाम के बारे में जानकारी प्राप्त की थी। टीम ने थाने की फोर्स और मजिस्ट्रेट के साथ इमाम के धौराटांडा स्थित घर पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई के दौरान इमाम के घर से महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए गए थे।

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