इलेक्टोरल बॉन्ड पर सबसे बड़ी खबर : पता चल गया, किस पार्टी को किसने दिया चंदा! चुनाव आयोग ने जारी किया ताजा डाटा

UPT | इलेक्टोरल बॉन्ड पर नया डाटा जारी

Mar 21, 2024 19:45

इलेक्टोरल बॉन्ड पर चुनाव आयोग ने स्टेट बैंक की तरफ से दाखिल की गई आखिरी जानकारी भी सार्वजनिक कर दी है। आयोग ने गुरुवार की देर शाम यह डाटा जारी किया।

Short Highlights
  • इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा नया डाटा जारी
  • कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने किया था दाखिल
  • पार्टियों को चंदा देने वाली कंपनियों की लिस्ट सार्वजनिक
New Delhi : इलेक्टोरल बॉन्ड पर चुनाव आयोग ने स्टेट बैंक की तरफ से दाखिल की गई आखिरी जानकारी भी सार्वजनिक कर दी है। आयोग ने गुरुवार की देर शाम यह डाटा जारी किया। इसके सामने आने के बाद से ही यह पूरी तरह साफ हो गया है कि किस कंपनी ने कौन-सी पार्टी को और कितना चंदा दिया है। इसमें बॉन्ड खरीदने की तारीख और उसे कैश कराने की तारीख भी लिखी हुई है।

एसबीआई ने पहले मांगा था 30 जून तक समय
भारतीय स्टेट बैंक ने इसके पहले सुप्रीम कोर्ट से यह डाटा जारी करने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था। बैंक का कहना था कि ये सारा डाटा दो अलग-अलग जगह सेव करके रखा गया है। ऐसे में इसका मिलान करके सही जानकारी देने के लिए कुछ वक्त चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को अस्वीकार करते हुए तुरंत सारी जानकारी देने का आदेश दिया था। अब जब एसबीआई की तरफ से जानकारी प्रदान कर दी गई है, तो यह सवाल पूछा जा रहा है कि इसके लिए पहले 30 जून तक की मांग क्यों की गई थी।

कौन-सी जानकारी अब भी नहीं दी?
स्टेट बैंक ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में बताया है कि उसकी तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारियां दे दी गई हैं। बैंक ने कहा कि अब केवल बैंक अकाउंट नंबर और KYC की जानकारी ही शेष है। इसके अलावा अन्य कोई भी डिटेल नहीं रोकी गई है। इसके पीछे एसबीआई ने तर्क दिया कि सुरक्षा कारणों से चंदा देने वालों और राजनीतिक दलों के KYC नंबर सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले पर सुनवाई करते हुए एसबीआई को फटकार लगाई गई थी। कोर्ट ने तब कहा था कि 'एसबीआई जानकारियों की खुलासा करते वक्त सेलेक्टिव नहीं हो सकता। आप हमारे आदेश का इंतजार न करें। अगर SBI चाहती है हम ही उसे बताएं किसका खुलासा करना है, तब वे बताएंगे, तो ये रवैया सही नहीं है।' कोर्ट ने उस वक्त एसबीआई को ये आदेश भी दिया था कि वह सारी जानकारियां देने के बाद अदालत में हलफनामा दाखिल कर बताए कि उसने कोई जानकारी छिपाई नहीं है।

Also Read