यूपी में कम मतदान पर गंभीर चुनाव आयोग : 'बुलावा टोली' की ली जाएगी मदद, घर-घर जाकर वोटरों से करेंगे अपील

UPT | यूपी में कम मतदान पर गंभीर चुनाव आयोग

May 20, 2024 17:44

देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। अब तक चार चरणों की वोटिंग पूरी हो चुकी है। सोमवार 20 मई को पांचवें चरण की वोटिंग जारी है। अगर आंकड़े देखें, वोटर टर्नआउट के मामले में उत्तर प्रदेश काफी पीछे चल रहा है।

Short Highlights
  • यूपी में कम मतदान पर गंभीर चुनाव आयोग
  • बुलावा टोली की ली जाएगी मदद
  • घर-घर जाकर वोटरों से करेंगे अपील
New Delhi : देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। अब तक चार चरणों की वोटिंग पूरी हो चुकी है। सोमवार 20 मई को पांचवें चरण की वोटिंग जारी है। अगर आंकड़े देखें, वोटर टर्नआउट के मामले में उत्तर प्रदेश काफी पीछे चल रहा है। हालात ये हो गए हैं कि साल 2024 का वोटिंग प्रतिशत यूपी में 2019 के मुकाबले भी कम ही है। इसे ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने अब बड़ी तैयारी कर ली है।

लोगों से मतदान की करेंगे अपील
चुनाव आयोग ने पांचवें, छठवें और सातवें चरण के लिए बुलावा टोलियों को निर्देश दिया है। इस टोली में बीएलओ, स्थानीय आशा और आंगनबाड़ी वर्कर, युवक मंगल दल और पंचायत स्तर के लोग शामिल होंगे। इसका मकसद लोगों को वोटिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा जागरुक करना है। आपको बता दें कि इसके पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बुलावा टोली के जरिए वाराणसी में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की अपील की थी।
 
पिछली बार के मुकाबले कम मतदान
साल 2019 के मुकाबले 2024 में वोटर टर्नआउट काफी कम है। पहले चरण में यूपी में 61.11 फीसदी टर्नआउट दर्ज किया गया, जो 2019 में 66.37 फीसदी था। वहीं दूसरे चरण में 55.19 फीसदी फीसदी टर्न आउट रहा, जो 2019 में 61.90 फीसदी था। तीसरे फेज में टर्नआउट 57.34 फीसदी था, जो 2019 में 59.92 फीसदी रहा था। जबकि चौथे फेज में 58.09 फीसदी टर्नआउट रहा, जो 2019 में 58.75 फीसदी था।

बूथ पर बीएलओ को मौजूद रहने के निर्देश
राज्य निर्वाचन आयोग के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने कहा कि पोलिंग स्टेशन के बूथों पर मतदाताओं की सहायता के लिए मतदाता सूची के साथ बीएलओ की मौजूदगी निश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। पोलिंग पार्टी और सेक्टर मजिस्ट्रेट को ये भी निर्देश दिया गया है कि अगर किसी कारणवश मतदाता स्लिप नहीं लाता है, तो उसे वोट देने से वंचित नहीं किया जाए। इतना ही नहीं, अगर किसी व्यक्ति की आईडी और वोटर लिस्ट में लिखी जानकारी में थोड़ी भिन्नता भी है, तो भी उसे वोट देने दिया जाएगा।

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