Lucknow News : 25 साल पहले एक मां ने टेलीग्राम के जरिए अर्जी दाखिल की थी, सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया

UPT | हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सुनाया फैसला।

Mar 05, 2024 11:50

बात काफी साल पुरानी है लेकिन इसका जिक्र करना आज लाजिमी है। एक मां और उसके बेटे इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ पहुंचे। मां ने 25 साल पहले टेलीग्राम के जरिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी। अपने बेटों से ...

Short Highlights
  • 1999 में एक मजबूर मां विद्या देवी ने अपने बेटों से परेशान होकर टेलीग्राम के जरिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी
  • इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई फरवरी 2024 से शुरू की

 

Lucknow News : हम आज के जमाने में इस्तेमाल हो रहे टेलीग्राम एप्लीकेशन की बात नहीं कर रहे हैं हम उसे टेलीग्राम की बात कर रहे हैं जिसके जरिए ऐसे जमाने में भी अपनी बात एक जगह से दूसरी जगह जल्दी पहुंचाई जाती थी, जब इंटरनेट नहीं हुआ करता था। लेकिन एक मजबूर मां की बात को कोर्ट तक टेलीग्राम के माध्यम से पहुंचने में 25 साल का समय लग गया।

जानिए क्या है मामला
वर्ष 1999 में विद्या देवी ने अपने बेटों से परेशान होकर टेलीग्राम के जरिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी। वहीं 25 साल बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई फरवरी 2024 से शुरू की। इसके बाद खंडपीठ द्वारा संपत्ति विवाद का व्यवहारिक समाधान निकालने का पुलिस को आदेश दिया गया। 19 मार्च 2024 को कोटद्वार पुलिस, बुजुर्ग मां विद्या देवी और उसके तीनों बेटों को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।

धमकाते हैं बेटे
लखनऊ खंडपीठ द्वारा मामला सामने आने पर सरकारी वकील से वर्तमान स्टेटस पता करने की बात कही गई थी और शिकायतकर्ता विद्या देवी तथा पुलिस को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश भी दिया गया था। वहीं इस मामले की सुनवाई 7 फरवरी 2024 से कोर्ट कर रहा है। ठाकुरगंज निवासी विद्या देवी ने कोर्ट से कहा कि उनके तीन बेटों में से दो बेटे अलग रहते हैं और वह अपने छोटे बेटे के साथ घर पर रहती है। वहीं अलग रहने वाले दोनों बेटे उन्हें आए दिन धमकाते रहते हैं। छोटा बेटा बिना पुलिस सुरक्षा के उन्हें सुरक्षा देने में असमर्थ है।

कोर्ट ने दिया आदेश
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस ए आर मसूदी और जस्टिस बृजराज सिंह की पीठ ने बुजुर्ग मां की बात सुनने के बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस को आदेश दिया है कि शिकायतकर्ता विद्या देवी और उनके तीनों बेटों को पुलिस थाने में बुलाकर बातचीत कर इस संपत्ति विवाद का स्थाई समाधान निकाले।

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