मुलायम राज में हुए थे सबसे ज्यादा एनकाउंटर : योगी सरकार अभी भी पीछे, जानिए चौंकाने वाले आंकड़े

UPT | मुलायम राज में हुए थे सबसे ज्यादा एनकाउंटर

Oct 17, 2024 21:05

बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए विवाद के बाद रामगोपाल मिश्रा की हत्या के मामले में पुलिस ने गुरुवार को एनकाउंटर के दौरान पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

Short Highlights
  • मुलायम राज में हुए थे सबसे ज्यादा एनकाउंटर
  • यूपी सरकार में अब तक 208 आरोपी ढेर
  • बहराइच एनकाउंटर के बाद उठ रहे सवाल
New Delhi : बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए विवाद के बाद रामगोपाल मिश्रा की हत्या के मामले में पुलिस ने गुरुवार को एनकाउंटर के दौरान पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी सरफराज और फहीन को एनकाउंटर में पैर में गोली लगी है, जिसके बाद उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। गिरफ्तार आरोपियों में मोहम्मद फहीन, मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज, अब्दुल हमीद और मोहम्मद अफजल शामिल हैं।

आरोपियों ने की थी पुलिस पर फायरिंग
पुलिस की टीम ने जब इन दोनों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद करने की कोशिश की, तो आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों घायल हो गए हैं। इस बीच, अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार ने चिंता जताते हुए कहा कि उनके पिता और भाइयों को एसटीएफ द्वारा उठाया गया है, और उन्हें डर है कि उन्हें मुठभेड़ में मारा जा सकता है।



मुलायम सरकार में सबसे ज्यादा एनकाउंटर
इस घटना के बाद से ही बवाल खड़ा हो गया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कहा जा रहा है कि योगी सरकार में ताबड़तोड़ एनकाउंटर हो रहे हैं। लेकिन योगी सरकार के मुकाबले मुलायम राज में कहीं ज्यादा एनकाउंटर हुए हैं। 2003 से 2007 के बीच, जब मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, राज्य में एनकाउंटर के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इस अवधि में कुल 499 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए। यह संख्या वर्तमान योगी सरकार के कार्यकाल की तुलना में कहीं अधिक है। मायावती के शासन में भी एनकाउंटर की संख्या 261 रही, जबकि योगी सरकार ने सात वर्षों में अब तक केवल 207 अपराधियों को ही ढेर किया है।

अब तक 208 आरोपी ढेर
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद, 19 मार्च 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में पुलिस और अपराधियों के बीच लगभग 12,500 मुठभेड़ें हुई हैं। इन मुठभेड़ों में 207 आरोपी मारे गए हैं, जिनमें से 130 हिंदू और 67 मुस्लिम हैं। जातिगत वितरण के अनुसार, इनमें 20 ब्राह्मण, 18 ठाकुर, 17 जाट-गुर्जर और 16 यादव जाति के अपराधी शामिल हैं। इसके साथ ही, मुठभेड़ों में साढ़े छह हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जबकि करीब 27 हजार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मेरठ जोन में 66, वाराणसी में 21 और आगरा में 16 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए।

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