अलर्ट:  गूगल क्रोम और एज यूजर्स के लिए नया साइबर खतरा, 3 लाख से अधिक प्रभावित

UPT | Cyber Crime

Aug 14, 2024 14:41

इन मैलवेयर एक्सटेंशन को खतरनाक बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार ये एक्सटेंशन एक छोटे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होते हैं, जो यूजर्स के ब्राउजिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने का काम करते हैं...

New Delhi News : साइबर सुरक्षा कंपनी ReasonLabs की एक नई रिपोर्ट में गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउजर के उपयोगकर्ताओं के लिए एक गंभीर खतरे का खुलासा किया गया है। यह खतरा दुर्भावनापूर्ण ब्राउजर एक्सटेंशन के रूप में सामने आया है, जो 2021 से सक्रिय है और अब तक विश्व भर में कम से कम 3 लाख उपयोगकर्ताओं को प्रभावित कर चुका है।

क्यों है खतरनाक? 
इन मैलवेयर एक्सटेंशन को खतरनाक बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार ये एक्सटेंशन एक छोटे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होते हैं, जो यूजर्स के ब्राउजिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने का काम करते हैं। हैकर्स के मैलवेयर वाले एक्सटेंशन दिखने में असली टूल्स की तरह होते हैं और यूजर इस पर बिना शक किए इसे इंस्टॉल कर लेते हैं। एक बार इंस्टॉल हो जाने के बाद ये एक्सटेंशन सिस्टम में मौजूद सेंसिटिव डेटा के साथ पासवर्ड, ब्राउजिंग हिस्ट्री और बैंक डीटेल से जुड़ी जानकारियों का ऐक्सेस हैकर्स को दे देते हैं।

चिंता की बात यह कि एक्सटेंशन को डिलीट करने के बाद भी मैलवेयर कंप्यूटर में छिपा रहता है और सिस्टम ऑन होते ही यह ऐक्टिवेट हो जाता है। हैकर यूजर्स को इस मैलवेयर वाले एक्सटेंशन के जाल में फंसाने के लिए Malvertising (मैलवेयर+एडवरटाइजिंग) ट्रिक का इस्तेमाल करते हैं।

आपके कंप्यूटर में यह मैलवेयर है या नहीं
कंप्यूटर में यह मैलवेयर है या नहीं, इसे आप चेक कर सकते हैं। अगर आपका सिस्टम इस मैलवेयर से इंफेक्टेड है, तो आप की स्क्रीम गूगल क्रोम और एज से रीडायरेक्ट हो कर हैकर के सर्च पोर्टल पर ओपन होगी। इसके अलावा आप सिस्टम फोल्डर में भी फाइल्स को चेक करके इस मैलवेयर का पता लगा सकते हैं।

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