जयंत चौधरी के भाषण के दौरान हंगामा : विपक्ष ने उठाए सवाल तो सभापति जगदीप धनखड़ बोले- 'किसानों का अपमान बर्दाश्त नहीं'

UPT | विपक्ष के हंगामे पर भड़के सभापति जगदीप धनखड़

Feb 10, 2024 14:41

चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद राज्यसभा में जयंक चौधरी जब बोलने के लिए खड़े हुए, तो विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस दौरान विपक्षी नेताओं की सभापति से बहस भी हुई।

Short Highlights
  • जयंत चौधरी के संबोधन के दौरान हंगामा
  • विपक्ष के नेताओं ने की सभापति से तीखी बहस
  • हंगामे पर भड़के सभापति जगदीप धनखड़
New Delhi : राज्यसभा में रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के बयान पर शनिवार को जबरदस्त हंगामा हुआ। दरअसल चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के फैसले पर जयंत ने सभापति जगदीप धनखड़ से धन्यवाद स्वरूप बोलने की अनुमति मांगी थी। इस पर जब अनुमति मिलने पर जयंत बोलने के लिए खड़े हुए तो विपक्ष में हंगामा करना शुरू कर दिया। इस दौरान सभापति और विपक्ष के नेताओं के बीच तीखी बहस भी हुई।

'किस नियम के तहत जयंत को बोलने की परमिशन मिली?'
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी बात रखने का अवसर दिया। इस पर खड़गे ने कहा कि 'ये खुशी की बात है कि भारत रत्न दिया गया। इस पर कोई वाद-विवाद नहीं है। हम सबको सलाम करते हैं। लेकिन कोई एक मुद्दा जब हम उठाते हैं  तो हमें आप पूछते हैं कि किस रूल में है। तो मैं भी यहीं पूछना चाहता है कि किस रूल में आपने उनको (जयंत चौधरी) बोलने की परमिशन दी। अगर ऐसा ही है तो हमें भी हमेशा मौका दीजिए। आप एक तरफ रूल की बात करते हो, तो एक तरफ जो चाहते हैं, उनको कभी भी उठा सकते हैं। ये अच्छा नहीं है।'
 
विपक्ष के हंगामे पर भड़के जगदीप धनखड़
सदन में विपक्षी नेताओं के हंगामे पर सभापति जगदीप धनखड़ आगबबूला हो गए। उन्होंने कहा कि 'हम किसान और किसान वर्ग का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। भारत गांव और किसान में ही बसता है। एक किसान को सम्मान मिला और सदन इस तरह से बर्ताव करे। कितनी बड़ी पीड़ा होती है।' उन्होंने आगे कहा कि 'आप लाखों किसानों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं। मैं किसान वर्ग से आता हूं, इसका मतलब ये नहीं कि मैं कमजोर चेयरमैन हूं। आप मेरे खिलाफ कोई भी शब्द इस्तेमाल करते हैं। आपने मेरे दिल पर चोट की है।'

जयंत ने अपने संबोधन में क्या कहा?
जयंत चौधरी ने राज्यसभा में अपना संबोधन देते हुए कहा कि 'देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का फैसला लिया। ये एक बहुत बड़ा फैसला है। ये सर्वविदित है कि मैं प्रसन्न होऊंगा। सभापति जी मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत तौर से आप भी गदगद हैं। लेकिन ये भाव सिर्फ सदन तक सीमित नहीं है। मैं बताना चाहता हूं कि कल देश के कोने-कोने में आपके निर्णय की गूंज पहुंची है। गांव-गांव में दिवाली मनाई गई। जब चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री बने थे, गांव के लोग गुड़ और मिठाई लेकर दिल्ली आए थे बांटने के लिए। इसी तरह कल भी कनॉट प्लेस में किसानों ने गुड़ बांटा है। ये दर्शाता है कि यह फैसला सिर्फ चौधरी चरण सिंह के परिवार तक सीमित नहीं है, देश के किसान और वंचित समाज के व्यक्ति जो आज भी मुख्य धारा में नहीं है, ये उनका सशक्त करने वाला फैसला है।'

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