कुतुब मीनार बना विदेशी पर्यटकों का दूसरा पसंदीदा स्थल : आगरा किले को पछाड़कर ताजमहल के बाद दूसरे स्थान पर पहुंचा दिल्ली का प्रतिष्ठित स्मारक

UPT | Qutub Minar

Jul 15, 2024 14:24

13वीं शताब्दी का वास्तुशिल्प चमत्कार अब विदेशी पर्यटकों द्वारा सबसे अधिक देखा जाने वाला दूसरा स्मारक बन गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल...

Short Highlights
  • कुतुब मीनार ने 2023-24 में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है
  • आगरा में स्थित ताजमहल पहले स्थान पर बना हुआ है
  • कुतुब मीनार ने आगरा किले को पीछे छोड़ दिया ह
News Delhi News : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, कुतुब मीनार ने 2023-24 में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह दिल्ली स्थित 13वीं शताब्दी का वास्तुशिल्प चमत्कार अब विदेशी पर्यटकों द्वारा सबसे अधिक देखा जाने वाला दूसरा स्मारक बन गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल पहले स्थान पर बना हुआ है। इस उपलब्धि के साथ, कुतुब मीनार ने लंबे समय से दूसरे स्थान पर काबिज आगरा किले को पीछे छोड़ दिया है।

पर्यटकों की संख्या में वृद्धि
कुतुब मीनार की यह सफलता विदेशी पर्यटकों की संख्या में हुई असाधारण वृद्धि का परिणाम है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष विदेशी आगंतुकों की संख्या में 90.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कुल 220,017 तक पहुंच गई। साथ ही, घरेलू पर्यटकों की संख्या में भी 73.1 प्रतिशत का उल्लेखनीय उछाल देखा गया, जो 3.12 मिलियन तक पहुंच गई। यह आंकड़े कुतुब मीनार की बढ़ती लोकप्रियता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।

कई कारणों से पिछड़ा आगरा का किला
दूसरी ओर, आगरा किले की लोकप्रियता में गिरावट आई है। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें रखरखाव में कमी, आधुनिक सुविधाओं की अनुपस्थिति और कुछ प्रमुख आकर्षणों का बंद होना शामिल है। विशेष रूप से, शीश महल जैसे महत्वपूर्ण हिस्से के बंद होने और साउंड और लाइट शो जैसे आकर्षक कार्यक्रमों के न होने से पर्यटकों की रुचि कम हुई है। इन कारणों से किले में घरेलू पर्यटकों की संख्या में 18 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो अब 1.41 मिलियन तक सीमित हो गई है।

राजस्थान के चांद बावड़ी की बढ़ी लोकप्रियता
इस बीच, राजस्थान के आभानेरी गांव में स्थित 9वीं शताब्दी की चांद बावड़ी ने भी विदेशी पर्यटकों के बीच अपनी लोकप्रियता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। इसकी अनूठी वास्तुकला ने पर्यटकों को आकर्षित किया है, जिसके परिणामस्वरूप विदेशी आगंतुकों की संख्या में 144.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो अब 96,080 तक पहुंच गई है। यह वृद्धि इतनी प्रभावशाली है कि चांद बावड़ी अब लाल किले और फतेहपुर सीकरी जैसे प्रसिद्ध स्मारकों से भी अधिक लोकप्रिय हो गई है।

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