रामदेव ने दोबारा मांगी माफी : सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा, कहा-अभी भी नहीं हुआ हृदय परिवर्तन, मामले में 23 अप्रैल को सुनवाई  

UPT | Patanjali Ayurveda Case

Apr 16, 2024 13:42

एलोपैथी के खिलाफ पतंजलि के कथित भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से इस बार भी राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को माफ करने से इनकार कर दिया...

Patanjali Ayurveda Case : पतंजलि विज्ञापन केस में मंगलवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। एलोपैथी के खिलाफ पतंजलि के कथित भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से इस बार भी राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को माफ करने से इनकार कर दिया। हालाँकि कोर्ट के आदेश के अनुसार 23 अप्रैल को मामले में फिर से बाबा रामदेव की पेशी होनी है। रामदेव अपने सहयोगी बालकृष्ण के साथ सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे और तभी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी हमने माफ नहीं किया है। 

मंगलवार को सुनवाई के दौरान रामदेव ने दोबारा कहा कि हम माफी मांग रहे हैं और भविष्य में सौ फीसदी इसका ख्याल रखेंगे और इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट का कहना था अभी हमने मन नहीं बनाया कि आपको माफ करें कि नहीं एक नहीं तीन बार आपने उल्लंघन किया है। आप इस तरह की बात मत करिए। आपके रवैये से यह नहीं लगता। हम आदेश जारी करेंगे। हम 23 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेंगे और फिर से दोनों को पेश होना होगा। 

बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली है
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से कहा कि आपकी बहुत गरिमा है। आपने काफी कुछ किया है। वहीं, दोनों के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम सार्वजनिक माफी के लिए तैयार हैं, ताकि लोगों को भी जानकारी मिले कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन को लेकर गंभीर हैं। इस पर जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि इसके लिए आपको हमारे सलाह की ज़रूरत नहीं। जस्टिस कोहली ने बाबा रामदेव से पूछा कि आपने जो कोर्ट के खिलाफ किया है क्या वो सही है? इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि जज साहिबा, हमें इतना कहना है कि जो भी हमसे भूल हुई है उसके लिए हमने बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली है। जस्टिस कोहली ने आचार्य बालकृष्ण से कहा, ऐसा लग नहीं रहा है कि कोई हृदय परिवर्तन हुआ हो अभी भी आप अपनी बात पे अड़े हैं। 

कोर्ट से बाबा रामदेव को राहत नहीं मिली
जस्टिस कोहली ने आगे कहा आपने क्या सोचा कि आप प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और विज्ञापन करेंगे? जिस चीज का आप प्रसार कर रहे हैं। हमारी संस्कृति में ऐसी चीजें हैं। लोग सिर्फ एलोपैथी नहीं बल्कि घरेलू पद्धतियां भी इस्तेमाल कर रहे हैं। घर पर बीमारियों से बचने के लिए नानी के नुस्खे अपना रहे हैं। आप अपनी रिसर्च के लिए दूसरे को खतरे में क्यों डाल रहे हैं? इस पर बाबा रामदेव ने कहा, किसी को भी खतरे में डालने का करने का इरादा नहीं था। हमने 5000 से ज्यादा रिसर्च प्रोटोकॉल किया। आयुर्वेद को रिसर्च आधारित साक्ष्य के साथ लाने के लिए पतंजलि ने प्रयास किया है। जस्टिस कोहली बोलीं, आपको ये हक नहीं दिया गया कि आप दूसरे सिस्टम को शट डाउन करके जाएं। इसके जवाब में रामदेव बोले, उसके लिए मैं विनम्र भाव से कह रहा हूं कि वो बातें नहीं कहनी चाहिए थी। हम साक्ष्य आधारित मूल भाव का ध्यान रखेंगे। वहीं जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा, कानून सबके लिए एक है। बाबा रामदेव ने कहा, आगे से इसके प्रति जागरूक रहूंगा। कार्य के उत्साह में ऐसा हो गया, आगे से नहीं होगा। लेकिन इसके बाद भी कोर्ट से बाबा रामदेव को राहत नहीं मिली। 

दो बार हुआ माफीनामा खारिज 
बाबा रामदेव की तरफ से 2 अप्रैल को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच में माफीनामा दिया गया था। बेंच ने पतंजलि को फटकार लगाते हुए कहा था कि ये माफीनामा सिर्फ खानापूर्ति के लिए है। कोर्ट ने 10 अप्रैल की सुनवाई में बाबा रामदेव और बालकृष्ण के दूसरे माफीनामे को भी खारिज किया था। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने पतंजलि के वकीलों से कहा था- आपने जानबूझकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है, कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

क्या है सुनवाई की वजह ?
बता दें बाबा रामदेव के खिलाफ यह कार्रवाई इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की ओर से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर की जा रही है। याचिका के तहत पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया और अपनी आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया।

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