दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर किसानों का कब्जा : रुड़की में बैरिकेड तोड़ा, पुलिस से तीखी नोकझोंक, ये बनी वजह

UPT | प्रदर्शन के दौरान पुलिस व किसानों में होती तीखी नोकझोंक।

Oct 02, 2024 14:57

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के सैकड़ों किसानों ने रुड़की में धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन तब उग्र हो गया जब किसानों ने ट्रैक्टर पर सवार होकर रुड़की की ओर बढ़ने का प्रयास किया और पुलिस ने बैरिकेडिग लगाकर...

Roorkee News : भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के सैकड़ों किसानों ने रुड़की में धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन तब उग्र हो गया जब किसानों ने ट्रैक्टर पर सवार होकर रुड़की की ओर बढ़ने का प्रयास किया और पुलिस ने बैरिकेडिग लगाकर रोकने की कोशिश की, लेकिन किसानों ने बैरिकेड्स को तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे। इस दौरान पुलिस और किसानों में तीखी नोकझोंक हुई।

दो घंटे हाईवे रहा बाधित
किसानों ने दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर धरना दिया, जिसके कारण करीब दो घंटे तक हाईवे बाधित रहा। हालात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने एएसडीएम युक्ता मिश्रा को मौके पर भेजा, जिन्होंने किसानों से ज्ञापन प्राप्त कर धरना समाप्त करने का अनुरोध किया। प्रदर्शन के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान मंगलौर गुड़ मंडी में एकत्रित हुए और उसके बाद रुड़की के लिए रवाना हुए। किसानों ने इस प्रदर्शन के माध्यम से कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया, जिसमें स्मार्ट मीटर का विरोध प्रमुख रहा।

स्मार्ट मीटर के खिलाफ विरोध
किसान यूनियन के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी और जिलाध्यक्ष विजय कुमार शास्त्री ने ऊर्जा निगम द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर का विरोध करते हुए स्पष्ट किया कि वे अपने घरों में स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ उन्हें यदि बड़ा आंदोलन करना पड़े, तो वे पीछे नहीं हटेंगे। इसके साथ ही, सीपीयू पुलिस द्वारा जगह-जगह चेकिंग के नाम पर महंगे चालान करने का भी उन्होंने विरोध किया और इसे बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी।

बिजली और गन्ने के मूल्य को लेकर मांगे
प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आम जनता और किसान परेशान हैं। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में किसानों को फ्री बिजली दी जा रही है, और चूंकि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश है, इसलिए यहां भी मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए। इसके अलावा, किसानों ने गन्ने के मूल्य को पांच सौ रुपए क्विंटल करने और हर साल मूल्य वृद्धि की मांग की।
 

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