नितिन गडकरी का बड़ा ऐलान : टोल कलेक्शन का सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम जल्द होगा लॉन्च, समय और इंधन दोनों की होगी बचत

UPT | Nitin Gadkari

Mar 28, 2024 15:29

मौजूदा टोल कलेक्शन को खत्म कर दिया जाएगा। बीते साल दिसंबर महीने में ही सड़क परिवहन मंत्री ने ऐलान किया था कि एनएचएआई मार्च 2024 से हाईवे पर टोल कलेक्शन के नए सिस्टम को रोल आउट करेगी...

New Delhi News : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा ऐलान किया है। यह ऐलान मौजूदा टोल कलेक्शन सिस्टम को लेकर किया गया है। मंत्री ने कहा कि जल्द ही देश में नेशनल हाईवे पर टोल कलेक्शन के लिए सैटेलाइट बेस्ट सिस्टम को लॉन्च किया जाएगा। साथ ही मौजूदा टोल कलेक्शन को खत्म कर दिया जाएगा। बीते साल दिसंबर महीने में ही सड़क परिवहन मंत्री ने ऐलान किया था कि एनएचएआई मार्च 2024 से हाईवे पर टोल कलेक्शन के नए सिस्टम को रोल आउट करेगी।

अपने आप कटेगा टोल टैक्स
नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि हाईवे पर यात्रा करने वाले आदमी जितनी दूरी की यात्रा करेंगे उतनी रकम के बराबर टोल टैक्स उनके बैंक अकाउंट से काट ली जाएगी।

कैसे काम करता है जीपीएस बेस्ड टोल सिस्टम

बता दें आने वाले समय में जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन की शुरुआत हो जाएगी। तो आइए अब जान लेते हैं कि यह काम कैसे करेगा।
  • जीपीएस बेस्ड टोल सिस्टम को हाईवे पर चलने वाली गाड़ी के जीपीएस कोऑर्डिनेट्स से मिलाया जाएगा।
  • जैसे ही गाड़ी कलेक्शन प्वाइंट पर पहुंचेगा टोल फीस ऑटोमेटिक रूप से बैंक खाते से काट लिया जाएगा।
  • इस सिस्टम को काम करने के लिए सभी गाड़ियों में ऐसा नंबर प्लेट्स होना चाहिए जिसे जीपीएस के जरिए सैटेलाइट से मॉनिटर किया जा सके।
  • इसके लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (Automatic Number Plate Reader) कैमरा हाईवे पर इंस्टॉल किया जाएगा जो जीपीएस - इनेबल्ड नंबर प्लेट को पढ़ सके।
  • इसके जरिए ही कस्टमर्स के बैंक खाते से पैसे काटे जायेंगे।
बता दें कि इसमें नेशनल हाईवे पर गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर को टोल प्लाजा पर टोल चार्जेज के भुगतान करने के लिए रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी जगह गाड़ी के मालिकों के बैंक खाते से रकम को काट लिया जाएगा।

वेटिंग टाइम 714 सेकंड से घटकर 47 सेकंड हुआ
मौजूदा समय में हाईवे पर टोल कलेक्शन के लिए फास्टैग का इस्तेमाल किया जाता है। फरवरी 2021 से चार पहिए वाले वाहनों के लिए फास्टैग को जरूरी कर दिया गया था। RFID टेक्नोलॉजी के जरिए इसमें टोल कलेक्ट किया जाता है। फास्टैग में छोटा आरएफआईडी चिप होता है जो टोल बूथ रीडर्स के साथ कम्यूनिकेट करता है। 2018-19 में टोल प्लाजा पर किसी भी गाड़ियों के लिए औसतन वेटिंग टाइम 714 सेकंड हुआ करता था जो फास्टैग के लॉन्च होने के बाद घटकर 47 सेकंड रह गया है। इससे आम लोगों के समय के साथ ईंधन की भी बचत हो रही है। 

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