ग्राहक भले कंगाल, बैंक हुए मालामाल : खाता धारकों पर पेनल्टी लगाने में एसबीआई और पीएनबी सबसे आगे, 8500 करोड़ रुपये वसूले

UPT | ग्राहक भले कंगाल, बैंक हुए मालामाल

Jul 31, 2024 11:53

पिछले पांच सालों में आम ग्राहकों से 8,500 करोड़ रुपये पेनल्टी वसूली गई है। लोकसभा में केंद्र सरकार ने यह जानकारी बाकायदा लिखित में दी है।

New Delhi : बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस नहीं होने के कारण आम ग्राहकों के खातों पर हर महीने पेनल्टी लगाई जाती है। यह 300 से 500 रुपये महीना तक है। अलग-अलग बैंक अपने हिसाब से पेनल्टी ग्राहक पर लगा रहे हैं। पिछले पांच सालों में आम ग्राहकों से 8,500 करोड़ रुपये पेनल्टी वसूली गई है। लोकसभा में केंद्र सरकार ने यह जानकारी बाकायदा लिखित में दी है। पेनाल्टी के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक ने सबसे ज्यादा वसूली की है।

पीएनबी ने एक साल में इतने रुपये वसूले
पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान 633 करोड़ रुपये बतौर पेनल्टी अपने ग्राहकों से वसूल किए हैं। बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने 387 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक ने 369 करोड़ रुपये, कैनरा बैंक में 284 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ़ इंडिया ने 194 करोड़ रुपये अपने ग्राहकों से पैनल्टी के रूप में वसूल किए हैं। 

एसबीआई ने एक साल में इतने रुपये वसूले
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने वित्त वर्ष 2019-20 में 640 करोड़ रुपये मिनिमम बैलेंस नहीं रखने के कारण वसूल किए थे। हालांकि पिछले चार वित्त वर्षों के दौरान स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने इस तरह की कोई पेनल्टी नहीं लगायी है। 



बारह सरकारी बैंकों ने वसूले इतने रुपये 
ये तो देश के टॉप फ़ाइव पब्लिक सेक्टर बैंक हैं। अगर सभी 12 पब्लिक सेक्टर बैंकों की बात की जाए तो यह धनराशि बहुत ज़्यादा हो जाती है। लोकसभा में केंद्र सरकार की ओर से दिए गए जवाब में बताया गया है कि सभी बारह सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 2019-20 में 1,738 करोड़ रुपये पेनल्टी के तौर पर खाताधारकों से वसूल किए थे। वर्ष 2020-21 में142 करोड़ रुपये और फ़ाइनेंशियल ईयर 2021-22 में 1,429 करोड़ रुपये वसूले गए।

ग्राहक भले कंगाल, बैंक हुए मालामाल
वित्त वर्ष 2022-23 में 1,855 करोड़ रुपये और 2023-34 में 2,331 करोड़ रुपये वसूल किए गए। इस तरह पिछले 5 वर्षों के दौरान केवल सरकारी बैंकों ने अपने खाताधारकों से 8,495 करोड़ रुपये वसूल किए हैं। कुल मिलाकर साफ है कि भले ही इन बैंकों के कंज़्यूमर गरीब हैं लेकिन बैंक मालामाल हो रहे हैं। यह 8,500 करोड़ रुपये देश के उस वर्ग से कमाये गये हैं, जो अपने खाते में मिनिमम बैलेंस भी मेंटेन नहीं कर पा रहा है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव के बीच 20 मई को ट्वीट करके बताया था कि भारत के बैंकों का शुद्ध मुनाफा 3 लाख करोड़ पहुंच गया है।

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