New Delhi : SC ने  पतंजलि को अवमानना नोटिस किया जारी, औषधीय उत्पादों के विज्ञापन पर लगी रोक

UPT | Baba Ramdev

Feb 27, 2024 18:08

पतंजलि ने योग की मदद से मधुमेह और अस्थमा को 'पूरी तरह से ठीक' करने का दावा किया था।  इस पर कोर्ट ने कहा- आप में (पतंजलि) कोर्ट के आदेश के बाद भी यह विज्ञापन लाने का साहस रहा...

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (27 फरवरी) को योग गुरु रामदेव के स्वामित्व वाली पतंजलि आयुर्वेद और इसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को अपने उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ अपने आदेश का उल्लंघन करने के लिए अवमानना ​​नोटिस जारी किया। अदालत ने पतंजलि को अगले आदेश तक अपने औषधीय उत्पादों का विज्ञापन करने से भी रोक दिया है।

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अमानतुल्लाह ने कहा, 'भ्रामक विज्ञापनों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।' आईएमए का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पतंजलि ने योग की मदद से मधुमेह और अस्थमा को 'पूरी तरह से ठीक' करने का दावा किया था।  इस पर कोर्ट ने कहा- आप में (पतंजलि) कोर्ट के आदेश के बाद भी यह विज्ञापन लाने का साहस रहा।

केस की सुनवाई जस्टिस अमानतउल्ला की बेंच में चल रही है। पिछली सुनवाई 21 नवंबर 2023 को हुई थी। तब कोर्ट ने कहा था कि पतंजलि को सभी भ्रामक दावों वाले विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा। कोर्ट ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगा और हर एक प्रोडक्ट के झूठे दावे पर 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगा सकता है। बाबा रामदेव सोशल मीडिया पर एलोपैथी के खिलाफ गलत जानकारी फैला रहे हैं। रामदेव पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188, 269, 504 के तहत मामला दर्ज किया गया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 मार्च को तय की है।

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