अंतरिक्ष में झंडा गाड़ेंगे यूपी के दो हीरो : लखनऊ के शुभांशु और प्रयागराज के अंगद गगनयान मिशन में शामिल, जानिए इनके बारे में सब कुछ...

UPT | Shubhanshu Shukla and Angad Pratap

Feb 28, 2024 12:38

इन अंतरिक्ष यात्रियों में से दो यात्री उत्तर प्रदेश के हैं। बता दे कि गगनयान मिशन के लिए 150 में से 4 फाइटर पायलट चुने गए हैं...

Lucknow News: प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन पर जाने वाले चार भारतीयों को मंगलवार (27 फरवरी) को सम्मानित किया गया। इन अंतरिक्ष यात्रियों में ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर सुभांशु शुक्ला शामिल हैं। इन अंतरिक्ष यात्रियों में से दो यात्री उत्तर प्रदेश के हैं।  इनके नाम हैं-विंग कमांडर ​​​​​​शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप। शुभांशु लखनऊ के और अंगद प्रयागराज के रहने वाले हैं। बता दें कि गगनयान मिशन के लिए 150 में से 4 फाइटर पायलट चुने गए हैं।

शुभांशु के बारे में जानिए
शुभांशु का बचपन लखनऊ की गलियों में गुजरा है। 10 अक्टूबर 1985 को उनका जन्म हुआ था। बचपन से ही उन्हें रफ्तार का शौक था। उन्होंने अलीगंज के CMS स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद NDA से वायुसेना में गए। फिर 2006 में उसे कमीशन मिला। एयरफोर्स में भुज, जोधपुर, सूरतगढ़, श्रीनगर समेत कई जगहों पर तैनाती रही। शुभांशु को 2000 घंटे फ्लाइंग एक्सपीरिएंस है। इस मिशन के लिए उन्होंने रूस-अमेरिका में 4 साल की टफ ट्रेनिंग ली है।

शुभांशु के पारिवारिक जीवन की बात करें तो उनकी दो बहने हैं। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला सचिवालय में थे। मगर 2009 में वो रिटायर हो गए। मां आशा शुक्ला गृहिणी हैं। 2009 में शुभांशु की कामना से शादी हुई। दोनों का एक बेटा भी है जिसका नाम कियास है।

अंगद के बारे में जानिए
गगनयान मिशन में ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप प्रयागराज के रहने वाले हैं। 17 जुलाई 1982 को उनका जन्म प्रयागराज में हुआ। नेशनल डिफेंस एकेडमी में पढ़ाई की। 18 दिसंबर 2004 के आईएफ में कमीशंड हुए। अंगद एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं और उनके पास 2 हजार घंटे की उड़ान का अनुभव है। साथ ही उनके पास Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawak, Dornier, An-32 जैसे विमानों को उड़ाने का अनुभव है।

चुने गए 4 एस्ट्रोनॉट्स के बारे में कुछ बातें...

1. चुने गए चारों एस्ट्रोनॉट्स बेंगलुरु स्थित एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम टेस्टिंग एस्टेब्लिशमेंट के टेस्ट पायलट्स हैं।

2. एस्ट्रोनॉट बनने के लिए बड़ी संख्या में पायलट्स ने एप्लिकेशन दी थी। इनमें से 12 ने सितंबर 2019 में पहले लेवल का सिलेक्शन प्रोसेस कम्प्लीट किया था। इसके बाद कई राउंड के सिलेक्शन राउंड के बाद 4 को सिलेक्ट किया गया।

3. जून 2019 में ISRO और रूस की स्पेस एजेंसी के बीच पायलट्स की ट्रेनिंग के लिए करार हुआ था। इसके बाद इन पायलट्स को रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया। यहां पर फरवरी 2020 से मार्च 2021 तक उनकी ट्रेनिंग हुई।

4. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इन एस्ट्रोनॉट्स में से किसी एक को अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA भी ट्रेनिंग देगी। यह ट्रेनिंग 2024 के आखिर में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के एक मिशन के लिए होगी।

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