केंद्र सरकार ने यूपी को दिया बड़ा तोहफा : अयोध्या और कानपुर में बनेंगे रिंग रोड, सफर करना होगा और भी आसान

UPT | सफर होगा आसन।

Aug 02, 2024 21:42

कैबिनेट ने 50,655 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत से 936 किलोमीटर लंबी 8 महत्वपूर्ण नेशनल हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

Short Highlights
  • 50,000 करोड़ रुपये की लागत से देश में बनेंगे 8 हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर
  • कैबिनेट की बैठक में हुआ फैसला
New Delhi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा फैसला हुआ है। कैबिनेट ने 50,655 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत से 936 किलोमीटर लंबी 8 महत्वपूर्ण नेशनल हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। इसमें केंद्र सरकार ने यूपी को भी बड़ा तोहफा दिया है। इस पर सीएम ने एक्स पर पीएम मोदी को बधाई दी है। 
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट ने आज 50,655 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत से 936 किलोमीटर लंबी 8 महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी, ताकि देश भर में लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार, भीड़भाड़ को कम करने और कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा सके। 

TRANSFORMATIVE boost to India’s infrastructure landscape!

The Cabinet's approval of 8️⃣ National High-Speed Road Corridor Projects at an expenditure of over Rs. 50,000 crore will have a MULTIPLIER EFFECT on our economic GROWTH and boost EMPLOYMENT opportunities.

It also… pic.twitter.com/fim8aNP2Tr

— Narendra Modi (@narendramodi) August 2, 2024
इनको मिली मंजूरी
  • 6 लेन आगरा-ग्वालियर नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर
  • 4 लेन खारापुर-मोरेग्राम नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर
  • 6 लेन थराड-दिशा-मेहसाना-अहमदाबाद नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर
  • 4 लेन अयोध्या रिंग रोड
  • 4 लेन पथालगांव और गुमला रायपुर-रांची नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर
  • 6 लेन कानपुर रिंग रोड
  • 4 लेन उत्तर गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास का चौड़ीकरण
  • 8 लेन पुणे के नजदीक एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड कॉरिडोर
यूपी को हुआ बड़ा फायदा 
  • आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा का समय 50 फीसदी कम हो जाएगा।
  • कानपुर रिंग रोड द्वारा कानपुर के आसपास राजमार्ग नेटवर्क को कम किया जाएगा।
  • अब अयोध्या का सफर और भी तेज हो जाएगा। 68 किलोमीटर 4-लेन एक्सेस-नियंत्रित अयोध्या रिंग रोड को हाइब्रिड वार्षिकी मोड (एचएएम) में 3,935 करोड़ रुपये की कुल पूंजीगत लागत पर विकसित किया जाएगा।
  • रिंग रोड शहर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों, जैसे एनएच 27 (ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर), एनएच 227 ए, एनएच 227 बी पर भीड़ कम कर देगा।
  • एनएच 330, एनएच 330A और एनएच 135A, जिससे राम मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों की तीव्र गति से आवाजाही संभव हो सके।
  • रिंग रोड लखनऊ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, अयोध्या हवाई अड्डे और शहर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से आने वाले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को निर्बाध कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा।
  • पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्व की अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए खड़गपुर-मोरेग्राम कॉरिडोर
  • रायपुर रांची कॉरिडोर के पूरा होने के माध्यम से झारखंड और छत्तीसगढ़ के विकास को अनलॉक करना मकसद
  • निर्बाध बंदरगाह कनेक्टिविटी और कम रसद लागत के लिए गुजरात में हाई स्पीड रोड नेटवर्क को पूरा करने के लिए थराद और अहमदाबाद के बीच नया गलियारा
  • उत्तर-पूर्व तक निर्बाध पहुंच की सुविधा के लिए गुवाहाटी रिंग रोड।
  • पुणे और नासिक के बीच 8-लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर कॉरिडोर सेक्शन लॉजिस्टिक दुःस्वप्न को खत्म कर देगा।
  • रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाईस्पीड कॉरिडोर के पत्थलगांव और गुमला के बीच 4-लेन- रायपुर-रांची कॉरिडोर के 137-केआरएन 4-लेन पहुंच-नियंत्रित पत्थलगांव-गुमला को 4,473 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत पर हाइब्रिड वार्षिकी मोड (एचएएम) में विकसित किया जाएग। यह गुमला, लोहरदगा, रायगढ़, कोरबा और धनबाद में खनन क्षेत्रों और रायपुर, दुर्ग, कोरबा, बिलासपुर, बोकारो और धनबाद में स्थित औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाएगा।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग-43 का 4-लेन पत्थलगांव-कुनकुन-छत्तीसगढ़/झारखंड सीमा-गुमला-भरदा खंड तुरुआ अमा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-130ए के अंतिम बिंदु से शुरू होगा और पलमा-गुमला रोड के चैनेज 82+150 पर समाप्त होगा। ये भरदा गांव रायपुर-धनबाद आर्थिक गलियारे का हिस्सा है।
  • कानपुर रिंग रोड के 47 किलोमीटर 6-लेन एक्सेस-नियंत्रित खंड को इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन मोड (ईपीसी) में 3,298 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत पर विकसित किया जाएगा। यह खंड कानपुर के चारों ओर 6-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग रिंग को पूरा करेगा। रिंग रोड प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों, जैसे एनएच 19 - स्वर्णिम चतुर्भुज, एनएच 27 - ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर, एनएच 34 और आगामी लखनऊ - कानपुर एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे पर लंबी दूरी के यातायात को शहर से आने वाले यातायात से अलग करने में सक्षम बनाएगी जिससे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच माल ढुलाई के लिए लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा।
इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,247 करोड़ की लागत से 231 किलोमीटर लंबे, 4-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड खड़गपुर-मोरग्राम नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना से यात्रा की दूरी 265 किलोमीटर से घटकर 231 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे मालवाहक वाहनों के लिए यात्रा का समय 9-10 घंटे से घटकर 3-5 घंटे रह जाएगा। इससे मुर्शिदाबाद और बीरभूम सहित छह जिलों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी और प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों तक बेहतर पहुंच मिलेगी।

बस एक घंटे में पहुंच जाएंगे आगरा से ग्‍वालियर 
आगरा से ग्‍वालियर तक पहुंचने में अब सिर्फ घंटे भर का समय लगेगा। दोनों शहरों के बीच बने ग्रीनफील्‍ड एक्सप्रेसवे को इसी साल शुरू करने की तैयारी है। केंद्रीय मंत्री अजय टमटा ने ऐलान किया है कि 88.4 किलोमीटर लंबे 6 लेन के ग्रीनफील्‍ड हाईवे को जल्‍द शुरू किया जाएगा। इस हाईवे के शुरू होने के बाद दोनों शहरों के बीच की दूरी भी करीब 32 किलोमीटर कम हो जाएगी. साथ ही सफर पूरा करने में 2 घंटे का समय भी बचेगा। ग्‍वालियर से अगरा की दूरी अभी 120 किलोमीटर है और दोनों शहरों के बीच सफर तय करने में करीब 3 घंटे का समय लग जाता है। नए हाईवे की दूरी 88 किलोमीटर है और इसे तय करने में 1 घंटे से भी कम समय लगेगा। 6 लेन वाले आगरा-ग्‍वालियर ग्रीनफील्‍ड हाईवे को तैयार करने में 4,216 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसका फायदा दिल्‍ली-नोएडा से ग्‍वालियर और झांसी जाने वालों को भी मिलेगा।

नोएडा से ग्‍वालियर जाना भी आसान
आगरा-ग्‍वालियर ग्रीनफील्‍ड हाईवे तैयार होने के बाद दिल्‍ली-नोएडा से ग्‍वालियर जाना भी आसान हो जाएगा। अभी दोनों शहरों के बीच दूरी करीब 360 किलोमीटर है। इसे तय करने में 6 से 7 घंटे का समय लग जाता है। यह हाईवे तैयार होने के बाद यमुना एक्‍सप्रेसवे के जरिये यह दूरी महज 3 से 4 घंटे में पूरी की जा सकेगी। 

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