सुप्रीम कोर्ट में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला : अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने दाखिल की याचिका, जानिए अब क्या है कारण

UPT | सुप्रीम कोर्ट में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला

Aug 27, 2024 14:16

इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 69,000 शिक्षक भर्ती की सूची रद्द करने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है। अनारक्षित वर्ग के दो चयनित और एक अचयनित अभ्यर्थियों ने इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की है।

Short Highlights
  • सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शिक्षक भर्ती का मामला
  • अभ्यर्थियों ने दाखिल की याचिका
  • नई चयन सूची अब तक जारी नहीं
New Delhi : इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 69,000 शिक्षक भर्ती की सूची रद्द करने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है। अनारक्षित वर्ग के दो चयनित और एक अचयनित अभ्यर्थियों ने इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की है। इससे पहले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भी हाईकोर्ट के फैसले पर कैविएट दायर कर रखा था। यह विवाद तब शुरू हुआ जब हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई चयन सूची को आरक्षण नियमों का उल्लंघन मानते हुए रद्द कर दिया था। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी।

सरकार पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार को नई चयन सूची जारी करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था। इसके चलते विपक्ष ने योगी सरकार पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया। सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने देगी। सरकार का कहना है कि चयन सूची को लेकर जो भी नियम और कानून हैं, उनका पालन किया जाएगा और किसी भी वर्ग के अभ्यर्थियों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा।

बेसिक शिक्षा निदेशालय पर जारी है धरना
इस विवाद के दौरान आरक्षित और अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आमने-सामने आ गए हैं। 22 अगस्त को बेसिक शिक्षा निदेशालय पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने धरना दिया, जिसके दौरान अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी भी वहां पहुँच गए। दोनों पक्षों के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई, और नारेबाजी शुरू हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच एक दीवार बना दी। वार्ता के बाद अनारक्षित अभ्यर्थियों ने धरना समाप्त कर दिया, लेकिन आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का विरोध जारी है।

नई चयन सूची अब तक जारी नहीं
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का धरना अब भी जारी है, और वे प्रदेश सरकार से इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों के ढीले रवैये के कारण नई चयन सूची अभी तक जारी नहीं की गई है। इसके विरोध में ओबीसी और एससी अभ्यर्थियों ने 2 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास घेरने और महाधरना देने का आह्वान किया है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कई प्रमुख नेताओं ने विभिन्न संगठनों के समर्थन की घोषणा की है और धरना स्थल पर उनका प्रदर्शन लगातार जारी है।

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