2024 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के बड़े फैसले : राजनीति के दिग्गजों को मिली राहत और झटके, जानें क्या हुआ?

UPT | बीते 2024 की कुछ हाइकोर्ट के ऐतिहासिक फैसले

Dec 31, 2024 11:12

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2024 में कई बड़े राजनीतिक और आपराधिक मामलों में महत्वपूर्ण फैसले दिए, जिनकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी। हम आज कुछ ऐसे ही फैसलों की बात बताएंगे।

Prayagraj News : 2024 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई हाई-प्रोफाइल राजनीतिक मामलों में फैसले दिए, जिनमें चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े मुकदमे भी शामिल थे। कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ चल रही आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगाकर उन्हें बड़ी राहत दी। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान इन नेताओं पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगे थे। इन मामलों में नेताओं पर आरोप था कि उन्होंने अपने भाषणों और प्रचार अभियानों के दौरान चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया।

आय से अधिक सम्पत्ति के मामला :  पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को हाईकोर्ट से राहत 
आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए गए उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। 21 मई 2024 को हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई तीन साल की सजा पर रोक लगा दी। पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी पर अपने कार्यकाल के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप था। मामले की जांच के बाद उन्हें दोषी ठहराते हुए विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने तीन साल की सजा और दस लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने अपील के दौरान यह पाया कि निचली अदालत द्वारा दी गई सजा के क्रियान्वयन पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में उचित न्यायिक प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए और सभी पक्षों को अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर दिया जाए।

मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी की राहत
गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता खतरे में थी, लेकिन 29 जुलाई 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले ने उन्हें बड़ी राहत दी। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले में राहत देते हुए उनकी सदस्यता को बरकरार रखा। अफजाल अंसारी पर एक आपराधिक मामले में दोषसिद्धि के चलते उनकी संसद सदस्यता रद्द होने का खतरा था। निचली अदालत ने उन्हें चार साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद लोकसभा में उनकी सदस्यता को लेकर सवाल उठ खड़े हुए। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज मामले और सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि जब तक अपील प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक उनकी संसद सदस्यता पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। कोर्ट ने यह भी माना कि किसी जनप्रतिनिधि के खिलाफ सख्त कार्रवाई से पहले सभी कानूनी पहलुओं की पूरी जांच होनी चाहिए।

अपहरण मामला : पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत, लेकिन सजा बरकरार
पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपहरण के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अप्रैल 2024 में जमानत तो दे दी, लेकिन ट्रायल कोर्ट की ओर से दी गई सात साल की सजा को बरकरार रखा। इस फैसले के कारण धनंजय सिंह 2024 के लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेने से वंचित रह गए। धनंजय सिंह पर एक व्यक्ति के अपहरण और उसे प्रताड़ित करने का आरोप था। इस मामले में निचली अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई थी। मामले में ट्रायल के दौरान पर्याप्त सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी ठहराया गया। धनंजय सिंह ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि उन्हें हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई सात साल की सजा को बरकरार रखा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोषसिद्धि के आधार पर सजा उचित है और इसे बदला नहीं जा सकता।

आजम खान और परिवार : कुछ मामलों में राहत, कई में मुश्किलें बरकरार
सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान और उनके परिवार के लिए 2024 का साल मिला-जुला साबित हुआ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोहरी जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े मामले में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को राहत दी, लेकिन जौहर यूनिवर्सिटी में सफाई मशीन चोरी और भूमि हड़पने के मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम पर आरोप था कि उन्होंने अब्दुल्ला का दोहरा जन्म प्रमाण पत्र बनवाया था।
मई 2024 में हाईकोर्ट ने पाया कि इस मामले में पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं जो साबित करें कि यह फर्जीवाड़ा जानबूझकर किया गया था। इस आधार पर कोर्ट ने उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगाई।

जाजमऊ आगजनी कांड : इरफान सोलंकी की विधानसभा सदस्यता समाप्त
कानपुर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी को जाजमऊ आगजनी कांड के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत तो मिली, लेकिन निचली अदालत द्वारा दी गई सजा बरकरार रहने के कारण उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई। जाजमऊ आगजनी कांड 2022 में हुआ था, जिसमें इरफान सोलंकी पर एक महिला की संपत्ति विवाद के चलते आगजनी करने और उसे धमकाने का आरोप लगा था। इस मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की और जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। निचली अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई। अप्रैल 2024 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत दे दी। हालांकि, अदालत ने उनकी सजा को बरकरार रखा।

जहरीली शराब कांड : पूर्व सांसद रमाकांत यादव को जमानत से इनकार 
आज़मगढ़ के पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता रमाकांत यादव को जहरीली शराब कांड के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली। 20 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता और जनहित को ध्यान में रखते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इस फैसले से रमाकांत यादव के राजनीतिक करियर को बड़ा झटका लगा है। जहरीली शराब कांड में दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी और बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे। रमाकांत यादव पर आरोप है कि उन्होंने अवैध शराब के कारोबार को संरक्षण दिया, जिससे यह हादसा हुआ। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि जहरीली शराब कांड के परिणाम बेहद गंभीर थे और इस मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई जनहित के खिलाफ होगी। कोर्ट ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए रमाकांत यादव को हिरासत में रखने का आदेश दिया।

अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज, गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमे में फंसे
मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। 19 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इस फैसले के बाद अब्बास अंसारी की कानूनी और राजनीतिक मुश्किलें और बढ़ गई हैं।अब्बास अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत गंभीर आरोप हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पिता मुख्तार अंसारी के आपराधिक नेटवर्क का फायदा उठाते हुए कई गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया।हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता और सार्वजनिक महत्व को ध्यान में रखते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामलों में किसी भी प्रकार की रियायत समाज और न्यायिक प्रक्रिया के लिए हानिकारक हो सकती है।

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