Prayagraj News : हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दो माह में विवाह का पंजीकरण जरूरी, वर्ना नहीं मिलेगी सुरक्षा

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Jun 12, 2024 23:54

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नवविवाहित जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश देते हुए साफ तौर पर यह भी बता दिया कि यदि दो माह में विवाह का पंजीकरण नहीं कराया गया तो सुरक्षा का आदेश अपने आप रद्द हो...

Short Highlights
  • नवविवाहित जोड़े ने ऑनर किलिंग के डर से हाईकोर्ट से मांगी सुरक्षा
  • माता-पिता सहित किसी को भी साथ रहने में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है
Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नवविवाहित जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश देते हुए साफ तौर पर यह भी बता दिया कि यदि दो माह में विवाह का पंजीकरण नहीं कराया गया तो सुरक्षा का आदेश अपने आप रद्द हो जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति नंद प्रभा शुक्ला की कोर्ट ने यह आदेश अंजलि और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। 

जोड़े ने हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी
प्रयागराज निवासी नवविवाहित जोड़े ने ऑनर किलिंग के डर से सुरक्षा की मांग करते हुए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। नवविवाहित जोड़ों ने कोर्ट को बताया कि वह दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी की है। इस दौरान हम दोनों एक साथ पति-पत्नी के रूप में रह रहे हैं। उन्होंने विवाह के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन उन्होंने किया है। उन दोनों को अपने घर वालों का डर है। इसलिए उन्होंने कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

बालिग जोड़ों के जीवन में हस्तक्षेप का किसी को हक नहीं 
हाईकोर्ट ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अनेक निर्णयों में यह कानून स्थापित किया है कि यदि कोई लड़का और लड़की वयस्क हैं। अपनी मर्जी से साथ रह रहे हैं तो उनके माता-पिता सहित किसी को भी उनके साथ रहने में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता बालिग हैं। ऐसे में याचिकाकर्ता एक साथ रहने के लिए स्वतंत्र हैं। उनके शांतिपूर्ण जीवन में किसी को भी हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है। याचिकाकर्ता सुरक्षा के लिए पुलिस अधिकारी से संपर्क करते हैं तो उन्हें तत्काल सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

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