इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफसरों से पूछे गंभीर सवाल : महाकुंभ के लिए स्कूल-कॉलेजों का अधिग्रहण, तो बोर्ड परीक्षा कैसे होगी?

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Dec 09, 2024 01:38

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य गृह सचिव और माध्यमिक शिक्षा सचिव से व्यक्तिगत हलफनामे के रूप में जवाब तलब किया है।

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाकुंभ मेले के लिए स्कूल और कॉलेजों के भवनों के अधिग्रहण पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने यह कदम दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य गृह सचिव और माध्यमिक शिक्षा सचिव से व्यक्तिगत हलफनामे के रूप में जवाब तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि महाकुंभ मेले के दौरान 24 फरवरी से 12 मार्च तक चलने वाली यूपी बोर्ड की परीक्षाओं का आयोजन कैसे किया जाएगा, जब स्कूलों और कॉलेजों को अधिग्रहित कर लिया जाएगा।

17 दिसंबर तक जवाब देने का आदेश
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की अदालत ने सूबेदारगंज स्थित महिला ग्राम इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति और अन्य द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि संबंधित अधिकारियों द्वारा हलफनामा दाखिल नहीं किया गया, तो उन्हें 17 दिसंबर को अदालत में पेश होना होगा।

यूपी बोर्ड परीक्षा पर सवाल उठाए
अधिवक्ता ने कोर्ट में तर्क दिया कि याची का यह विद्यालय मान्यता प्राप्त एडेड निजी विद्यालय है, जहां कक्षा एक से आठ तक मुफ्त शिक्षा दी जाती है और यह बोर्ड परीक्षा का केंद्र भी है। उनका कहना था कि माघ मेले के लिए डीएम ने स्कूल के आठ कमरों और संसाधनों का जबरन अधिग्रहण कर लिया, जिससे परीक्षा केंद्र की व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।



डीएम को आपात स्थिति में भवन अधिग्रहण का अधिकार
इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मेला क्षेत्र के आसपास कई कॉलेज हैं, जिनमें पर्याप्त खाली मैदान हैं, लेकिन उनका अधिग्रहण न कर याची के विद्यालय के साथ भेदभाव किया गया है। यह कदम शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता है और छात्रों व प्रबंधन के लिए समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

48 कॉलेजों का आंशिक अधिग्रहण किया गया
वहीं, सरकार ने अपनी दलील में कहा कि डीएम को आपात स्थिति में किसी भवन का अधिग्रहण करने का अधिकार है और महाकुंभ मेले के आयोजन के लिए प्रयागराज के 48 सरकारी और गैर सरकारी कॉलेजों का आंशिक अधिग्रहण किया गया है। यह अधिग्रहण एक नवंबर 2024 से दो मार्च 2025 तक के लिए किया गया है। हालांकि, कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि क्या इस दौरान बोर्ड परीक्षा की तारीखों को शिफ्ट किया जाएगा और मेला आयोजनों के कारण छात्रों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना चाहिए।

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