इलाहाबाद हाईकोर्ट में अजीबोगरीब केस : भूत ने कराई एफआईआर! कोर्ट ने एसपी से मांगी जांच रिपोर्ट

UPT | Allahabad High Court

Aug 08, 2024 18:05

एक मृत व्यक्ति के नाम से 2014 में जमीनी विवाद को लेकर एक ही परिवार के पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। विवेचक ने उस शख्स का बयान दर्ज कर आरोप पत्र...

Short Highlights
  • हाईकोर्ट में मृत व्यक्ति के नाम से एफआईआर दर्ज 
  • मौत की पुष्टि पत्नी के बयान और मृत्यु प्रमाण पत्र से हुई
  • कोर्ट ने दाखिल आरोप पत्र को रद्द किया
Prayagraj News :  इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया है। जिसमें कुशीनगर में एक मृत व्यक्ति के नाम से 2014 में जमीनी विवाद को लेकर एक ही परिवार के पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। विवेचक ने उस शख्स का बयान दर्ज कर आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया।  ट्रायल कोर्ट ने केस का संज्ञान भी ले लिया। हैरान करने वाली बात यह है कि इस मृत व्यक्ति के 'भूत' ने 2023 में हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में वकालतनामा पर हस्ताक्षर किए।

2011 में ही हो चुकी है याची की मौत
दरअसल, न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की अदालत में बताया गया कि वर्ष 2014 में पुरुषोत्तम व अन्य के खिलाफ शब्द प्रकाश नाम के शख्स ने धोखाधड़ी और कूटरचना की एफआईआर दर्ज कराई है। लेकिन याची के अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह ने दलील दी कि शब्द प्रकाश से आरोपियों का पुराना जमीनी विवाद चल रहा था और शब्द प्रकाश की मौत वर्ष 2011 में ही हो चुकी है। जिसकी पुष्टि उनकी पत्नी ममता के बयान और मृत्यु प्रमाण पत्र से हुई।



भूत ने दर्ज कराई एफआईआर?
इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष इसका खुलासा तब हुआ जब कुशीनगर के हाटा थाना क्षेत्र के आरोपी पुरुषोत्तम सिंह, उनके दो भाई और दो बेटों ने पुलिस की ओर से दाखिल आरोप पत्र को चुनौती दी। इस जानकारी से हैरान कोर्ट ने सवाल किया कि अगर शब्द प्रकाश की मौत 2011 में हो गई थी तो 2014 में क्या भूत ने एफआईआर दर्ज करवाई है? क्या विवेचक ने भूत का बयान दर्ज करके आरोप पत्र दाखिल किया है? यही नहीं, साल 2023 में भी भूत ने याचिका का विरोध करने के लिए हाईकोर्ट में दाखिल किए गए वकालतनामे पर हस्ताक्षर कर दिए?

ये भी पढ़ें- मायावती की मोदी सरकार को नसीहत : वक्फ बोर्ड बिल पर बोलीं- राष्‍ट्रधर्म निभाएं

आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र रद्द
कोर्ट ने आरोपी पुरुषोत्तम सिंह और उनके परिजनों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र को रद्द करते हुए एसपी कुशीनगर को मामले की जांच का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि वह पता करें कि कैसे एक भूत बेगुनाहों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर परेशान कर रहा है और विवेचक ने भूत का बयान कैसे दर्ज किया। साथ ही, कोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को इस आदेश की प्रति भेजते हुए मृत शब्द प्रकाश के नाम से वकालतनामा दाखिल करने वाले अधिवक्ता विमल कुमार पांडेय को भी भविष्य में सतर्क रहने की सलाह दी।

Also Read