पुलिस के रवैये पर हाईकोर्ट आगबबूला : दुष्कर्म और अश्लील वीडियो मामले में डीजीपी को दिए ये निर्देश...

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Sep 02, 2024 15:06

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म, आपराधिक धमकी और अश्लील वीडियो बनाने एवं वायरल करने के मामले में जांच अधिकारियों की कड़ी आलोचना की है। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति...

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म, आपराधिक धमकी और अश्लील वीडियो बनाने एवं वायरल करने के मामले में जांच अधिकारियों की कड़ी आलोचना की है। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने आरोपी सौरभ की जमानत मंजूर करते हुए की। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में सूचना और तकनीक से संबंधित जांच में सावधानी बरतने के लिए सभी जांच अधिकारियों को सतर्क करें।


जानिए क्या था मामला 
यह मामला आजमगढ़ जिले का है। जिसमें मुख्य आरोपी सौरभ कुमार और एक सह-आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डीबी (सामूहिक दुष्कर्म), 506 (आपराधिक धमकी), यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पाक्सो) की धारा 5 जी और 5 एम/जी (अश्लील वीडियो प्रसारण) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 (डिजिटल अश्लीलता) के तहत आरोप लगाए गए हैं। अभियोजन पक्ष का कहना है कि सौरभ और सह-आरोपी सेहबान ने एक नाबालिग लड़की को उसके स्कूल से बहला-फुसलाकर यौन उत्पीड़न किया। आरोप है कि उन्होंने घटना का वीडियो बनाया और व्हाट्सएप के माध्यम से प्रसारित किया। यह वीडियो पीड़िता के भाई के मोबाइल डिवाइस पर मिला। इसके बाद 3 अप्रैल 2024 को थाना अहरौला, जिला आजमगढ़ में प्राथमिकी दर्ज की गई।

27 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने बताया कि जांच अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से प्राप्त साक्ष्यों की विवेचना में सतर्कता नहीं बरत रहे हैं। वे पेन ड्राइव में मिली तस्वीरें और वीडियो को फोरेंसिक विश्लेषण के लिए लैबोरेटरी में भेजकर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं। कोर्ट ने इसे दोष मढ़ने का प्रयास और कर्तव्यों की अनदेखी करार दिया और इसे रोकने की आवश्यकता जताई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर 2024 को निर्धारित की है, जहां फिर से मामले की जांच और जमानत याचिका पर विचार किया जाएगा।

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