महाकुंभ 2025 : 4 हजार से अधिक संस्थाओं को हुआ भूमि आवंटन, 31 दिसंबर तक पूरा किए जाने का लक्ष्य

UPT | महाकुंभ 2025

Dec 26, 2024 14:15

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूमि आवंटन की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए थे। सीएम योगी ने कहा था कि सभी अखाड़ों और संस्थाओं को समय पर भूमि आवंटन किया जाए।

Prayagraj News : सनातन धर्म का सबसे बड़ा और भव्य समागम महाकुंभ 2025 अब कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। महाकुंभ के आयोजन को लेकर मेला क्षेत्र में तैयारियों में तेजी आई है और गतिविधियों में तीव्रता देखने को मिल रही है। विशेष रूप से अखाड़ों की स्थापना का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। अब तक दो से तीन प्रमुख अखाड़ों ने मेला क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है और बाकी अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार और मेला प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा भूमि आवंटन के लिए जारी किए गए निर्देशों के तहत यह कार्य 31 दिसंबर तक पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा।

भूमि आवंटन प्रक्रिया की प्रगति
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूमि आवंटन की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए थे। सीएम योगी ने कहा था कि सभी अखाड़ों और संस्थाओं को समय पर भूमि आवंटन किया जाए, ताकि वे अपनी तैयारी पूरी कर सकें। उनके निर्देशों के तहत मेला प्राधिकरण ने भूमि आवंटन कार्य में तेजी दिखाई है। अब तक 4,000 से अधिक संस्थाओं को भूमि आवंटित की जा चुकी है और कुल 8,000 से 10,000 संस्थाओं के मेला क्षेत्र में आने की उम्मीद है। मेला प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, अखाड़ों और उनके अनुगामी अखाड़ों के साथ-साथ महामंडलेश्वर, खालसा, दंडीवाड़ा, आचार्यवाड़ा और खाकचौक जैसे प्रमुख संस्थाओं को भूमि आवंटन का कार्य पूरा हो चुका है। इन संस्थाओं के लिए टेंट और अन्य निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। इसके अतिरिक्त, प्रयागवाल और नई संस्थाओं के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी।



भूमि आवंटन की स्थिति
सीएम योगी के समक्ष हुई समीक्षा बैठक में मेला प्राधिकरण ने जानकारी दी कि अब तक कुल 4268 संस्थाओं को भूमि आवंटित की जा चुकी है। इसमें 19 अखाड़ों और उनके अनुगामी अखाड़ों को भूमि आवंटित की गई है, 460 महामंडलेश्वर, 750 खालसा, 203 दंडीवाड़ा, 300 आचार्यवाड़ा, 300 खाकचौक और 1766 अन्य संस्थाओं को भूमि आवंटित की गई है। इसके अलावा प्रयागवाल को भी अब तक 450 भूमि आवंटित की जा चुकी हैं। इन संस्थाओं को भूमि आवंटन का कार्य 12 दिसंबर से शुरू हुआ था और इसे 31 दिसंबर तक पूरा किया जाएगा।

निर्माण और सजावट का कार्य तेज़ी से जारी
भूमि आवंटन के साथ-साथ टेंट और सजावट का कार्य भी लगातार प्रगति पर है। झूंसी क्षेत्र में अखाड़ों और विभिन्न संस्थाओं के लोग अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक प्रतीकों के अनुसार टेंट और सजावट का काम तेजी से कर रहे हैं। प्रशासन ने इन क्षेत्रों में चेकर्ड प्लेटें बिछाने का कार्य पूरा कर लिया है और साइनेज लगाने का कार्य भी जारी है, ताकि श्रद्धालु आसानी से अपनी संस्थाओं तक पहुंच सकें। इसके अलावा महाकुंभ क्षेत्र में लाइटिंग और अन्य आवश्यक कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। इस बार महाकुंभ के आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। मेला क्षेत्र को सजाने और संवारने का काम एक जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं के आने से पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह से तैयार हो जाएं।

अखाड़ों का छावनी प्रवेश
महाकुंभ के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक है अखाड़ों का छावनी में प्रवेश। अब तक जूना अखाड़ा, आवाहन अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा अपने-अपने छावनी में प्रवेश कर चुके हैं। इन अखाड़ों की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं और श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयारियां की जा रही हैं।

Also Read