महाकुम्भ 2025 : प्रयागराज की 150 साल पुरानी धरोहर का जीर्णोद्धार, सीमेंट से नहीं इन चीजों से हो रही है बिल्डिंग की मरम्मत

UPT | प्रयागराज नगर निगम भवन का जीर्णोद्धार

Dec 30, 2024 14:43

जनवरी 2025 में होने जा रहे महाकुम्भ के आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने के प्रयासों के तहत, उत्तर प्रदेश की सरकार प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण कर रही है। इसी के अंतर्गत, नगर निगम परिसर स्थित 150 साल पुराना भवन भी संरक्षण की प्रक्रिया से गुजर रहा है।

Short Highlights
  • प्राचीन धरोहर और स्मारकों का हो रहा संरक्षण
  • नगर निगम कर रहा है प्राचीन धरोहर का जीर्णोद्धार
  • सीमेंट से नहीं बल्कि गुड़, दाल, मेथी से हो रहा है दीवार का निर्माण
Prayagraj News : जनवरी 2025 में होने जा रहे महाकुम्भ के आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने के प्रयासों के तहत उत्तर प्रदेश की सरकार प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण कर रही है। इसी के अंतर्गत, नगर निगम परिसर स्थित 150 साल पुराना भवन भी संरक्षण की प्रक्रिया से गुजर रहा है। यह भवन ब्रिटिश काल में 1865 के आसपास बने 'ग्रेट नॉर्दर्न' होटल से संबंधित है, जिसे बाद में नगर निगम कार्यालय में तब्दील किया गया। अब इसे 9 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है, ताकि महाकुम्भ के दौरान यह ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने।

महाकुम्भ से पहले तैयार हो जाएगी दीवार
नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग के बताया कि, यह भवन प्रयागराज की ऐतिहासिक धरोहर है और इसे संरक्षित रखने के लिए नगर निगम ने कदम उठाए हैं। 2020 में इस भवन की छत गिरने के बाद इसे गिराकर नया भवन बनाने पर विचार किया गया था, लेकिन पुरातत्व विभाग से परामर्श लेने के बाद इसे संरक्षित करने का निर्णय लिया गया। इस ऐतिहासिक भवन में स्वतंत्रता संग्राम के समय बुद्धिजीवियों की बैठकें हुआ करती थीं। 1930 के दशक में ब्रिटिश सरकार ने इसे प्रशासनिक भवन बना दिया था। महाकुम्भ से पहले इस भवन के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।


इन सामग्रियों से हो रहा दीवार का निर्माण
प्रयागराज नगर निगम भवन का जीर्णोद्धार पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग करके किया जा रहा है। 150 वर्ष पहले जब इस भवन का निर्माण हुआ था, तब इसे इको फ्रेंडली सामग्रियों से तैयार किया गया था और अब इस भवन के कायाकल्प में भी वही सामग्रियां इस्तेमाल की जा रही हैं। मरम्मत के दौरान जिन आधुनिक सामग्रियों, जैसे सीमेंट का प्लास्टर, टाइलें और खिड़कियां-दरवाजे का प्रयोग हुआ था, उन्हें हटाकर भवन को उसके मूल रूप में वापस लाया जा रहा है। इस प्रक्रिया में गुड़, दाल और मेथी जैसी प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिससे भवन का तापमान प्राकृतिक रूप से ठंडा रहेगा और एयर कंडीशनर का उपयोग कम होगा। मुंबई की सवानी हेरिटेज इस कार्य को पूरा कर रही है, जो दिसंबर के अंत तक संपन्न हो जाएगा। महाकुम्भ में आने वाले पर्यटक इस ऐतिहासिक भवन को नए रूप में देख सकेंगे।

प्रयागराज नगर निगम भवन का जीर्णोद्धार
सवानी हेरिटेज के जितेश पटेल ने बताया कि प्रयागराज नगर निगम भवन का जीर्णोद्धार पुराने जमाने में इस्तेमाल होने वाली पारंपरिक सामग्री से किया जा रहा है। इसके लिए निर्माण सामग्री मध्य प्रदेश के कटनी से लाई गई लाइम और अन्य सामग्री विभिन्न राज्यों और स्थानीय बाजारों से मंगवाई जा रही हैं। सीमेंट और बालू की जगह चूना, सुरखी, बालू, बेल गिरि, गुड़, उड़द की दाल, गुगुल और मेथी के मिश्रण से मरम्मत के लिए सामग्री तैयार की जा रही है। इस ऐतिहासिक भवन के बारे में एक रोचक तथ्य यह है कि एक समय में यही भवन प्रयागराज म्यूजियम का हिस्सा था और म्यूजियम से जुड़े साक्ष्य अभी भी इस भवन में मौजूद हैं।

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