महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बने मोक्ष पुरी बाबा : 25 साल पहले अपनाया था सनातन धर्म, मेले में बढ़ा रहे भारतीय संस्कृति का मान

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Jan 11, 2025 15:28

मोक्ष पुरी बाबा ने महाकुंभ में अपनी उपस्थिति के पीछे का उद्देश्य साझा किया। मोक्ष पुरी बाबा न्यू मैक्सिको अमेरिका से आए हैं। बाबा जूना अखाड़ा से जुड़े हुए हैं और महाकुंभ में उनकी उपस्थिति विशेष आकर्षण का केंद्र बन गई है।

Prayagraj News : प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी से होने वाला है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और साधु-संत इस पवित्र आयोजन में भाग लेने के लिए संगम नगरी पहुंच रहे हैं। इन्हीं में से एक नाम है मोक्ष पुरी बाबा जो न्यू मैक्सिको अमेरिका से आए हैं। मोक्ष पुरी बाबा का जन्म अमेरिका में हुआ, लेकिन आज वह भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के प्रमुख प्रचारक बन चुके हैं। बाबा जूना अखाड़ा से जुड़े हुए हैं और महाकुंभ में उनकी उपस्थिति विशेष आकर्षण का केंद्र बन गई है।

महाकुंभ में विशेष उद्देश्य
मोक्ष पुरी बाबा ने महाकुंभ में अपनी उपस्थिति के पीछे का उद्देश्य साझा किया। उन्होंने कहा कि वह योग, ध्यान, भारतीय संस्कृति और दर्शन को बढ़ावा देने के लिए यहां आए हैं। बाबा की साधारण जीवनशैली और आध्यात्मिक ज्ञान ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं के बीच उन्हें एक लोकप्रिय हस्ती बना दिया है।

न्यू मैक्सिको में आश्रम का सपना
मोक्ष पुरी बाबा ने घोषणा की कि वह न्यू मैक्सिको के टूथ ऑर कॉन्सिक्वेंसेस में एक आश्रम स्थापित करेंगे। इस आश्रम का उद्देश्य सनातन धर्म के ज्ञान और संदेश को विश्व स्तर पर पहुंचाना है। बाबा ने कहा, "जब तक मैं जीवित हूं, मानव सेवा और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार ही मेरा लक्ष्य रहेगा।"

मोक्ष पुरी बाबा का आध्यात्मिक सफर
मोक्ष पुरी बाबा ने अपने जीवन के सफर और आध्यात्मिक यात्रा के बारे में खुलकर बताया। उन्होंने कहा, "अपने पिछले जीवन में मैंने सेना और मछली पकड़ने जैसे कई कार्य किए। लेकिन अब मैं उन सब चिंताओं से मुक्त हूं। मेरा उद्देश्य सनातन धर्म और बौद्ध धर्म के गूढ़ रहस्यों को जानना और समझना है।" बाबा ने बताया कि 25 साल पहले एक घटना ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने पहली बार अपनी पत्नी से एक द्वीप पर मुलाकात की, जिसके बाद दोनों ने सनातन धर्म के प्रति गहरी रुचि विकसित की। यह रुचि उन्हें 25 साल पहले प्रयागराज ले आई। भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता से गहरे जुड़ाव के कारण मोक्ष पुरी बाबा ने पश्चिमी जीवनशैली को त्याग दिया और सनातन धर्म के सिद्धांतों को अपनाया।

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