प्रमोद तिवारी ने रेल हादसों पर केंद्र सरकार को घेरा : 69000 शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया

UPT | राज्य सभा सांसद प्रमोद तिवारी

Aug 17, 2024 14:39

राज्य सभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन हादसे को रेल मंत्री का इस्तीफा मांगा। दूसरी तरफ 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।

Short Highlights
  • बोले : शिक्षक भर्ती में आरक्षण के नियमों और बेसिक शिक्षा परिषद की नियमावली का पालन नहीं 
  • पीएम के संसदीय क्षेत्र से उनके गृह नगर अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन भी सुरक्षित नहीं 
  • देश में हो रहे रेल हादसों को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा 
Prayagraj News : प्रयागराज से खबर है कि वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस के गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन के पास 22 डिब्बों के पटरी से उतरने के मामले में राज्यसभा के डिप्टी लीडर प्रमोद तिवारी ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से उनके गृह नगर अहमदाबाद जा रही ट्रेन के भी सुरक्षित नहीं होने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि देश में आए दिन रेल हादसे हो रहे हैं और अब स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि लोग यह पूछने लगे हैं कि किस दिन कोई रेल हादसा नहीं हुआ। प्रमोद तिवारी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग की है और कहा कि देश में लाल बहादुर शास्त्री जैसे रेल मंत्री हुए हैं,जिन्होंने रेल हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था।

रेल मंत्री हो गए हैं अनैतिक, लगातार हो रहे हादसों के बाद भी जनता को गुमराह कर रहे 
तिवारी ने कहा कि अश्विनी वैष्णव इतने अनैतिक हो गए हैं कि लगातार हो रहे रेल हादसों के बाद भी जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने रेल मंत्री को इन हादसों का जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पटरियों पर बढ़ते भार और बढ़ते रेल किराए के बावजूद यात्रियों की सुरक्षा घट रही है। उन्होंने राज्यसभा में रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि अब रेल मंत्री को कोई बहाना नहीं बनाना चाहिए। तिवारी ने यह भी कहा कि पटरियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी रेलवे की ही होती है।

हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ की डिवीजन बेंच ने दोबारा मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया  
प्रमोद तिवारी ने 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि शिक्षा देने वाले शिक्षकों को ही न्याय नहीं मिल पा रहा था। शिक्षक भर्ती में आरक्षण के नियमों और बेसिक शिक्षा परिषद की नियमावली का पालन नहीं हुआ था। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ की डिवीजन बेंच ने 69000 शिक्षक भर्ती को रद्द कर दोबारा मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया। प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि जहां भी बीजेपी की सरकारें हैं, वहां या तो पेपर लीक हो जाता है या फिर भर्ती में घोटाला होता है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के इस फैसले से यह साबित हो गया है।

डॉक्टरों की मांगों का समर्थन किया, कहा- कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है
सरकार जल्द ही कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए संशोधित रिजल्ट जारी करेगी।
तिवारी ने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द ही कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए संशोधित रिजल्ट जारी करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस,भले ही लोकसभा चुनाव में सत्ता में नहीं आई,लेकिन जनता ने उसे इतनी ताकत दी है कि बीजेपी अब संविधान से छेड़छाड़ नहीं कर सकती है। कांग्रेस संविधान में किसी भी प्रकार का संशोधन लोकसभा और राज्यसभा में पारित नहीं होने देगी। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के बाद हत्या के मामले पर भी प्रमोद तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा आवश्यक है,क्योंकि अगर वे सुरक्षित नहीं होंगे तो मरीजों की सेवा कैसे करेंगे। उन्होंने डॉक्टरों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। तिवारी ने कहा कि ऐसी घटनाएं चाहे पश्चिम बंगाल में हों, उत्तराखंड में या फिर देश के किसी अन्य राज्य में, रुकनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के मामले में सीबीआई जांच कर रही है और दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में कड़ी सजा दिलानी चाहिए। 

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