महाकुंभ 2025 : सवा तीन साल के श्रवण पुरी महाराज बने आकर्षण का केंद्र, माता-पिता ने किया था दान

UPT | गुरु की गोद में बैठे श्रवण पूरी महराज

Jan 09, 2025 14:51

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां ज़ोरों पर हैं और संगम नगरी में देश-विदेश से साधु-संतों का आगमन हो रहा है। इसी बीच, जूना अखाड़े में एक खास और अद्भुत साधु, श्रवण पुरी महाराज सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं...

Prayagraj News : प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां ज़ोरों पर हैं और संगम नगरी में देश-विदेश से साधु-संतों का आगमन हो रहा है। इसी बीच, जूना अखाड़े में एक खास और अद्भुत साधु, श्रवण पुरी महाराज सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। श्रवण पुरी महाराज की उम्र मात्र सवा तीन साल है, लेकिन उनकी साधु जीवन की शुरुआत और उनका अद्वितीय व्यक्तित्व चर्चा का विषय बना हुआ है।   श्रवण पुरी का अखाड़े में प्रवेश दरअसल, श्रवण पुरी महाराज के माता-पिता पंजाब के निवासी हैं, उन्होंने जूना अखाड़े के हरियाणा स्थित आश्रम में संकल्प लिया था कि उनकी पहली संतान को वे अखाड़े में दान देंगे। जिसके बाद उन्होंने ने श्रवण पूरी को महज 3 महीने की उम्र में दान कर दिया था। माता-पिता ने अपने संकल्प के अनुरूप श्रवण को जूना अखाड़े को समर्पित कर दिया। हालांकि, वे हर 2-3 महीने में उनसे मिलने आते हैं और उनके कुशल-क्षेम की जानकारी लेते रहते हैं।

  तोतली जुबान में करते हैं मंत्रोच्चारण जानकारी के अनुसार, श्रवण पुरी महाराज जूना अखाड़े में रहते हुए पूरी तरह साधु-संतों के नियमों का पालन करते हैं। इतनी छोटी उम्र में भी वे अपने अखाड़े के गुरुओं द्वारा दी जा रही शिक्षा-दीक्षा को गहनता से ग्रहण कर रहे हैं। उनकी दिनचर्या में पूजा-पाठ और मंत्रोच्चार शामिल हैं। सबसे खास बात यह है कि वे अपनी तोतली जुबान में मंत्रों का उच्चारण करते हैं, जो वहां मौजूद सभी लोगों को अद्भुत और अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। अखाड़े के संतों का कहना है कि श्रवण पुरी महाराज में बचपन से ही आध्यात्मिक गुण दिखाई दे रहे हैं और भविष्य में वे एक महान संत बन सकते हैं।   महाकुंभ में बने आकर्षण का केंद्र महाकुंभ 2025 में श्रवण पुरी महाराज, जूना अखाड़े के अन्य संतों के साथ शामिल हो रहे हैं। उनकी मासूमियत, साधु जीवन के प्रति समर्पण और पूजा-पाठ में उनकी भागीदारी ने उन्हें श्रद्धालुओं और साधु-संतों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। संगम पर स्नान और पूजा के दौरान वे अपने गुरुजनों का अनुसरण करते हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक प्रेरणा प्रदान करता है।   श्रवण पुरी का भविष्य जूना अखाड़े के संतों के अनुसार, श्रवण पुरी महाराज का पालन-पोषण और शिक्षा-दीक्षा संत परंपराओं के अनुसार की जा रही है। उनकी प्रतिभा और समर्पण को देखते हुए, यह निश्चित है कि वे भविष्य में एक आदर्श संत के रूप में उभर सकते हैं। महाकुंभ 2025 में श्रवण पुरी महाराज न केवल जूना अखाड़े बल्कि पूरे संगम नगरी के लिए एक विशेष आकर्षण बन गए हैं। उनके जीवन का यह सफर, जहां बचपन और साधु जीवन का अद्भुत संगम देखने को मिलता है, महाकुंभ के पावन पर्व को और भी खास बना रहा है।

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