प्रयागराज महाकुंभ 2025 : योगी सरकार की नई पहल, भक्तों और पर्यटकों की मदद करेंगे 1,000 से अधिक 'कुंभ मेला मित्र'

UPT | Mahakumbh 2025

Sep 09, 2024 20:09

यह प्रशिक्षण इस उद्देश्य के लिए है ताकि वे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उत्कृष्ट अनुभव प्रदान कर सकें और उत्तर प्रदेश की सकारात्मक छवि को उनके गृह प्रदेशों में प्रस्तुत कर सकें...

Short Highlights
  • महाकुंभ को दिव्य और व्यापक बनाने की तैयारी
  • मेले में तैनात किए जाएंगे एक हजार से अधिक कुंभ मेला मित्र
  • इन मेला मित्रों और स्वयं सेवकों को ट्रेनिंग दी जाएगी
Prayagraj News : योगी सरकार ने महाकुंभ के आयोजन को सुगम और प्रभावशाली बनाने के लिए एक हजार से अधिक कुंभ मेला मित्रों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। इन कुंभ मेला मित्रों का चयन प्रारंभिक चरण में है और उन्हें कुंभ क्षेत्र में कार्य करने के लिए आवश्यक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण इस उद्देश्य के लिए है ताकि वे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उत्कृष्ट अनुभव प्रदान कर सकें और उत्तर प्रदेश की सकारात्मक छवि को उनके गृह प्रदेशों में प्रस्तुत कर सकें।

महाकुंभ को दिव्य और व्यापक बनाने की तैयारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। इन तैयारियों के तहत, 41 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि वे उत्तर प्रदेश की अच्छी छवि लेकर लौट सकें। सीएम योगी के निर्देश पर कुंभ मेला प्रशासन बड़े स्तर पर कुंभ मेला मित्रों और स्वयं सेवकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।



कुंभ मेला मित्रों और स्वयं सेवकों को दी जाएगी ट्रेनिंग 
इस बारे में जानकारी देते हुए मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि मेला क्षेत्र में 1000 से अधिक कुंभ मेला मित्रों और स्वयं सेवकों का चयन किया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों में कार्य करने के लिए स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए मेला प्राधिकरण ने आरएफपी जारी की है। इसके अलावा, 6000 से अधिक पुलिस कर्मियों को भी स्किल ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।

कुंभ मेला मित्रों और स्वयं सेवकों को करने होंगे ये काम
इसके अलावा बताया गया है कि कुंभ मेला मित्रों और स्वयं सेवकों को मेला क्षेत्र के अंदर और बाहर दोनों जगह तैनात किया जाएगा। उनके कार्यों में श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन प्रदान करना, बुजुर्गों के भारी सामान उठाने में मदद करना, भूले-भटके श्रद्धालुओं को सही स्थान पर पहुंचाना, घाटों में सहायता प्रदान करना, मेला क्षेत्र की स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना, बीमार श्रद्धालुओं की देखभाल करना, दुर्घटनाओं में पुलिस के साथ सहयोग करना, यातायात व्यवस्था में मदद करना और भीड़ प्रबंधन में सहयोग करना शामिल होगा।

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