अल्पसंख्यक विद्यालयों की भर्ती प्रक्रिया पर विवाद : प्रबंधकों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, 3 सितंबर को होगी सुनवाई

UPT | राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग

Aug 10, 2024 16:56

यह कदम संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक संस्थानों को दिए गए अधिकारों के विपरीत माना जा रहा है, जिसके फलस्वरूप विद्यालय प्रबंधकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में...

Short Highlights
  • माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक और कर्मचारी भर्ती को लेकर विवाद
  • विद्यालय प्रबंधकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
  • तीन सितंबर को याचिका की सुनवाई होगी 
Prayagraj News : उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक वर्ग के माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक और कर्मचारी भर्ती को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है। प्रदेश सरकार ने इन विद्यालयों के प्रबंधकों से भर्ती का अधिकार छीनकर राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग को सौंप दिया है। यह कदम संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक संस्थानों को दिए गए अधिकारों के विपरीत माना जा रहा है, जिसके फलस्वरूप विद्यालय प्रबंधकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका की सुनवाई 3 सितंबर को होने वाली है।

प्रयागराज में 13 इंटर कॉलेज
दरअसल, प्रदेश में कुल 128 अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनमें से 13 इंटर कॉलेज अकेले प्रयागराज में स्थित हैं। पहले इन विद्यालयों के प्रबंधक जिला विद्यालय निरीक्षक की अनुमति से शिक्षक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती कर सकते थे। हालांकि, 2017 से सरकार ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और 2019 में एक नए आयोग के गठन की घोषणा की थी। मार्च 2024 में इस नवगठित आयोग के 12 सदस्यों की नियुक्ति के साथ यह प्रक्रिया पूरी हो गई।



नई व्यवस्था को लेकर विरोध
अब इस नई व्यवस्था के विरोध में, प्रयागराज के दौलत हुसैन इंटर कॉलेज के प्रबंधक चौधरी नियाज अहमद सहित 40 अन्य प्रबंधकों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। जो कि अपने पूर्व अधिकारों की बहाली की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले कई सालों से भर्ती प्रक्रिया न होने के कारण इन विद्यालयों में आधे से अधिक पद खाली हैं, जिससे शैक्षणिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

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