मुजफ्फरनगर हिंसा : सोशल मीडिया से जुटाई गई थी भीड़, LLB छात्र समेत कई आरोपी चिह्नित, साक्ष्य मिटाने का आरोप

UPT | मुजफ्फरनगर हिंसा

Oct 23, 2024 00:03

बुढ़ाना कस्बे में 19 अक्टूबर की रात हुए बवाल के मामले में आरोपियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से भीड़ एकत्र की थी। देवबंद के जामिया कॉलेज के एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र और उनके दो भाइयों ने संदेश भेजकर लोगों को इकट्ठा किया...

Muzaffarnagar News : बुढ़ाना कस्बे में 19 अक्टूबर की रात हुए बवाल के मामले में आरोपियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से भीड़ एकत्र की थी। देवबंद के जामिया कॉलेज के एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र और उनके दो भाइयों ने संदेश भेजकर लोगों को इकट्ठा किया। जब वे वापस लौट रहे थे, तो उन्होंने एक दुकान पर पथराव किया। पुलिस ने आरोपियों पर साक्ष्य मिटाने के आरोप के साथ-साथ 7 आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा भी बढ़ाई है।

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पुलिस ने जुटाए CCTV फुटेज-ऑडियो के सबूत
पुलिस ने सीसीटीवी, वीडियो और ऑडियो के जरिए आरोपियों की पहचान की। एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि एलएलबी के छात्र ने इस प्रकरण को बढ़ावा दिया। उसका भाई रमीज माविया उस्मानी एआईएमआईएम की युवा इकाई का जिलाध्यक्ष है। उसने रमीज, चचेरे भाई तारिक, और एआईएमआईएम के नगर अध्यक्ष आजम और राहिल के साथ मिलकर व्हाट्सएप ग्रुप और सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश भेजकर भीड़ को एकत्रित किया था। 

दुकान पर किया पथराव
अफवाह फैलाई गई कि पुलिस ने आरोपी को छोड़ दिया है, जिसके बाद भीड़ एकत्र होकर प्रदर्शन करने लगी और जाम लगा दिया। पुलिस ने सभी को समझाकर वापस भेज दिया। इस दौरान, छात्र ने अपने साथियों फैज, समी, और कैफ के साथ मिलकर दुकान पर पथराव किया। एसएसपी ने बताया कि "गोल्डन जौला" नामक यूट्यूब चैनल के ग्रुप में एक टिप्पणी की गई थी, जिस पर आरोपी ने प्रतिक्रिया दी थी। इसी टिप्पणी के बाद हंगामा और प्रदर्शन हुआ। इस मामले में संचालक राशिद जौला को भी गिरफ्तार किया गया है। यह घटना सोशल मीडिया पर हुई गतिविधियों के कारण और भी गंभीर हो गई।

यह था मामला
बता दें कि 19 अक्तूबर की रात, मुस्लिम समाज के लगभग सात सौ लोगों ने हंगामा करते हुए जाम लगा दिया था। आरोप था कि दूसरे समुदाय के व्यक्ति ने धार्मिक टिप्पणी की है और पुलिस ने उसे पकड़कर छोड़ दिया। पुलिस ने भीड़ को समझाकर स्थिति को संभाला, लेकिन लौटते समय कुछ लोगों ने आरोपी युवक की दुकान पर पथराव किया। इस मामले में पुलिस ने तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने बुढ़ाना पहुंचकर आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर बैठक कर निर्णय लेने की चेतावनी दी थी।

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