न्यायालय निर्माण में अब पार्किंग को लेकर फंसा पेंच : प्रशासनिक जज से अधिवक्ताओं ने की मुलाकात, मामले को लंबित करने का लगाया आरोप

UPT | अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट करते अधिवक्ता

Oct 26, 2024 18:26

हाईकोर्ट इलाहाबाद में चंदौली के प्रशासनिक जज नलिनकांत श्रीवास्तव शनिवार को जनपद दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने मुख्यालय स्थित डाक बंगले पर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान चंदौली के अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय के निर्माण के मुद्दे को एक बार फिर प्रशासनिक जज के समक्ष उठाया

Chandauli News : हाईकोर्ट इलाहाबाद में चंदौली के प्रशासनिक जज नलिनकांत श्रीवास्तव शनिवार को जनपद दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने मुख्यालय स्थित डाक बंगले पर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान चंदौली के अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय के निर्माण के मुद्दे को एक बार फिर प्रशासनिक जज के समक्ष उठाया और तत्काल इसके निर्माण की आवश्यकताओं पर बल दिया। अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय भवन के निर्माण की प्रगति जानने की भी मांग की। डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन के महामंत्री झन्मेजय सिंह ने कहा कि तमाम संघर्षों के बावजूद न्यायालय निर्माण में लगातार बाधाएं उत्पन्न की जा रही हैं, जिससे अधिवक्ताओं और वादकारियों को प्रतिदिन कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

यूपी सरकार की ओर से लगी आपत्ति
इस दौरान प्रशासनिक जज ने चंदौली के अधिवक्ताओं को बताया कि प्रस्तावित जिला न्यायालय भवन के मानचित्र में पार्किंग को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आपत्ति लगाई गई है, जिसके कारण निर्माण में विलंब हो रहा है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के स्तर से इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास निरंतर जारी हैं, ताकि आपत्ति का निस्तारण कराकर जिला न्यायालय के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। महामंत्री झन्मेजय सिंह ने कहा कि पूर्व में भी कई बार शासन के स्तर पर मानचित्र का परीक्षण किया जा चुका है और धन आवंटन भी हो चुका है।

मामले में षडयंत्र करने का आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर चंदौली के विकास को बाधित करने की मंशा से कुछ तथाकथित उच्च अधिकारी इस मामले को लंबित रख रहे हैं, जो उचित नहीं है। ऐसे में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि वे जल्द से जल्द शासन स्तर पर लगी हुई आपत्ति का निस्तारण कराकर न्यायालय निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। अधिवक्ता समाज की यही मांग है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के लंबे संघर्ष के बाद न्यायालय का मुद्दा यहां तक पहुंचा है, लेकिन अब जानबूझकर इसे स्थगित करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। यदि जल्द ही इस मामले में सार्थक पहल नहीं की गई, तो जनप्रतिनिधियों के साथ ही सरकार को अधिवक्ताओं का विरोध झेलना पड़ेगा। इस अवसर पर डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार के अध्यक्ष शैलेन्द्र प्रताप सिंह, सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश रत्न तिवारी, हरेंद्र प्रताप सिंह, अनिल कुमार सिंह, संतोष सिंह, पंचानन पांडेय, महेंद्र यादव, योगेश सिंह लड्डू, अभिनव आनंद सिंह आदि उपस्थित रहे।
 

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