विश्वनाथ-रामलला के दर्शन एक साथ : काशी से अयोध्या तक जलमार्ग सेवा शुरू, बंगाल-गंगा क्रूज ने की यात्रा की शुरुआत

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Oct 25, 2024 15:03

अब वह दिन दूर नहीं जब श्रद्धालु वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद सरयू नदी के रास्ते अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन कर सकेंगे। इस अनोखी और धार्मिक यात्रा को संभव बनाने के लिए...

Varanasi News : अब वह दिन दूर नहीं जब श्रद्धालु वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद सरयू नदी के रास्ते अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन कर सकेंगे। इस अनोखी और धार्मिक यात्रा को संभव बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग ने कई अहम कदम उठाए हैं। श्रद्धालुओं के लिए एक खास रिवर क्रूज “बंगाल-गंगा” के नाम से तैयार किया गया है। जिसका संचालन 21 अक्टूबर से शुरू हो चुका है।

नदी मार्ग से जुड़ेंगे वाराणसी और अयोध्या
उत्तर प्रदेश सरकार की इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य गंगा और सरयू नदी को जोड़कर धार्मिक स्थलों के बीच एक सीधा जलमार्ग स्थापित करना है। यह क्रूज न केवल श्रद्धालुओं को वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर अयोध्या के रामलला मंदिर तक की यात्रा कराएगा। बल्कि यह उत्तर प्रदेश के पर्यटन में एक नया आयाम भी जोड़ेगा। वाराणसी और अयोध्या दोनों ही धार्मिक नगरी के रूप में विशेष महत्व रखते हैं। वाराणसी में गंगा किनारे बाबा विश्वनाथ का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, जबकि अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। 'बंगाल-गंगा' क्रूज के संचालन से यह यात्रा एक अनोखी धार्मिक यात्रा का रूप ले लेगी, जिससे हर वर्ष लाखों श्रद्धालु लाभान्वित होंगे।


क्रूज की विशेषताएं और सुविधाएं
क्रूज को यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की हर आवश्यकता का ध्यान रखते हुए डिजाइन किया गया है। इस पर अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके डेक पर श्रद्धालुओं के लिए खुला स्थान उपलब्ध है। जहां से वे गंगा और सरयू के खूबसूरत नजारों का आनंद ले सकते हैं। क्रूज के भीतर यात्रियों की सुविधाओं का भी खास ख्याल रखा गया है। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए क्रूज पर भगवान शिव और श्रीराम के जीवन पर आधारित जानकारी व साहित्य भी उपलब्ध कराया जाएगा। यह क्रूज वाराणसी से निकलकर गंगा नदी से होते हुए प्रयागराज पहुंचता है। जहाँ गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम होता है। इसके बाद यह यात्रा सरयू नदी से होकर अयोध्या में समाप्त होगी। क्रूज पर खाने-पीने की सुविधाओं के साथ ही आरामदायक सीटिंग व्यवस्था भी उपलब्ध है, जिससे यात्री इस यात्रा का अनुभव संपूर्णता के साथ कर सकें।

नदी की स्थिति को सुधारने का प्रयास
इस परियोजना को सफल बनाने के लिए सरकार द्वारा गंगा और सरयू नदी के मार्ग को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। नदियों की गहराई बनाए रखने के लिए विशेष ड्रेजिंग कार्य किए जा रहे हैं ताकि क्रूज का संचालन बिना किसी बाधा के हो सके। नदियों में क्रूज के नियमित आवागमन को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा प्रबंधों के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के पहलुओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस परियोजना का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। अयोध्या और वाराणसी जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाली इस यात्रा से श्रद्धालु भगवान शिव और श्रीराम की भक्ति में डूबते हुए अपने विश्वास को और मजबूत कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि इस क्रूज सेवा के जरिए न केवल धार्मिक, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित किया जा सकेगा।

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